लडक़ा दिखाने के बहाने बनाया शिकार, तीन आरोपी चार साल से फरार
उज्जैन,अग्निपथ। कोर्ट ने चार साल पहले हुई सनसनीखेज मामले में फैसला सुनाया। न्यायालय ने लडक़ा दिखाने के बहाने ले जाकर महिला से लगातार दुष्कर्म कर उसकी खरीद फरोख्त करने के दोषी को विभिन्न धाराओं में 71साल की सजा सुनाई है। प्रकरण में तीन आरोपियों की जीवाजीगंज पुलिस को अब भी तलाश है।
काजीपुरा निवासी महिला को पति से अलग होने पर परिचित इंगोरिया निवासी अजय उर्फ रवि पिता दिलीप सेन (22)लडक़ा दिखाने के बहाने सितंबर 2019 में गुना ले गया और दोस्त के साथ मिलकर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। बाद में दोनों ने उसे करीब 80 हजार रुपए में ग्राम मोहना के पप्पू उर्फ माधवसिंह उर्फ बंटी को बेंच दिया। पीडि़ता का शोषण कर उन्होंने अन्य को बेंच दिया।
इसी तरह से बिकते और दुष्कर्म का शिकार हो रही पीडि़ता जैसे तैसे उनके चुंगल से छूटकर माता-पिता के साथ 15 सितंबर 2019 को जीवाजीगंज थाने पहुंची। घटना की गंभीरता को देख पुलिस ने आधा दर्जन पर केस दर्जन पर अपहरण, रेप, गैंगरेप, मानव तस्करी की धाराओं में केस दर्ज किया। मामले मेें अब तक की सुनवाई के बाद सोमवार को प्रथम श्रेणी न्यायाधीश मजिस्ट्रेट आशीर्वाद भिलाला ने फैसला सुनाया।
उन्होंने मामले में अजय को विभिन्न धाराओं में दोषी मानते हुए कुल 71 साल सश्रम कारवास व 8500 रुपए अर्थदंड दिया। आदेश दिया कि सभी धाराएं साथ चलेगी इसके अनुसार अजय को कम से दुष्कर्म मामले में दी गई 20 साल की सजा काटनी होगी। प्रकरण में शासन का पक्ष एजीपी रविंद्रसिंह कुशवाह ने रखा।
ऐसे बिकती रही पीडि़ता
घटना के समय पीडि़ता ने बयान दिया था कि अजय उसे सबसे पहले गुना के पास बररवास में लंबू के घर ले गया था। यहां दुष्कर्म के बाद दोनों उसे पप्पू लंबू उर्फ पप्पू उर्फ माधवसिंह उर्फ बंटी को बेंच दिया। बंटी ने कोकसिंह उर्फ कल्ला सिकरवार को राजवीर को बेंचा। तीनों दुष्कर्म के बाद राजस्थान बेचने ले गए। नया ग्राहक तलाशने के दौरान मौका मिलने पर वह भाग गई, लेकिन घायल होने पर फिर पकड़ी गई। बद में इनके चुंगल से छूटकर वह माता-पिता के पास आ पाई।
यह हुए दोष मुक्त
सुनवाई के दौरान पीडि़ता ने प्रमोद और जयदयाल पूरी को पहचानने से इंकार कर दिया। नतीजतन कोर्ट ने दोनों को दोष मुक्त कर दिया। मामले में लंबू उर्फ माधवसिंह उर्फ बंटी ,कोकसिंह उर्फ कल्ला व राजवीर अब तक फरार है। नतीजतन कोर्ट ने तीनों के पकड़ाने और अनुसंघान होने के बाद फैसले का कहा है।