तीन घंटे कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया
उज्जैन, अग्निपथ। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ व मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद राजमणी पटेल के आदेशानुसार भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के तहत शहर कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन 25 दिसंबर शनिवार को दोपहर 1 से 3 बजे तक डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के सामने टॉवर चौक पर किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में संविधान निर्माता एवं भारत रत्न बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर धरना, प्रदर्शन किया।
शहर कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग के जिलाध्यक्ष विक्रमसिंह पटेल एवं शहर अध्यक्ष देवव्रत यादव ने बताया कि राज्य शासन द्वारा पिछड़ा वर्ग जनविरोधी नीतियों के खिलाफ उनके हकों की लड़ाई के लिए तथा पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को यथावत रखने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया गया। धरना प्रदर्शन पश्चात मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नाम ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी मीणा को सौंपा गया।
ज्ञापन का वाचन देवव्रत यादव ने किया। धरना प्रदर्शन के दौरान विधायक रामलाल मालवीय, जिलाध्यक्ष कमल पटेल, शहर अध्यक्ष महेश सोनी, अजीतसिंह ठाकुर, विवेक यादव, महिला कांग्रेस अध्यक्ष अंजु जाटवा, ब्लॉक अध्यक्ष अशोक उदयवाल, रमेश परिहार, हेमंत गोमे, अंतरसिंह पटेल, नाना तिलकर, ओम भारद्वाज, शिव लश्करी,दीपक मेहरे, सुनील गोठवाल, पूर्व पार्षद कैलाश बिसेन, बीएल चौहान एडवोकेट, बाबू दादा गोठवाल, पिछड़ा वर्ग के युवा अध्यक्ष नरेन्द्र सोलंकी, रामेश्वर पटेल, जीवनसिंह पटेल सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने धरना दिया।
सोनी बोले, कोई मुझसे न लड़े, मैं भी नहीं लडऩा चाहता : धरने को संबोधित करते हुए शहर अध्यक्ष महेश सोनी ने कहा कि कोई मुझसे न लड़े। मैं भी किसी से नहीं लडऩा चाहता हूं। कांग्रेस नेता एकजुट होकर भाजपा सरकारी की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करेंगे तो भाजपा बेनकाब हो जाएगी।
विधायक मालवीय बोले, शिवराज सदन में कुछ और बाहर कुछ बोलते : कांग्रेस विधायक रामलाल मालवीय ने धरने पर संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सदन में ओबीसी आरक्षण के लिए संघर्ष करने की बात करते और बाहर आकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना की बात करते हैं। शाम को आयोग के माध्यम से चुनाव की प्रक्रिया शुरू करवा देते हैं। कांग्रेस बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं चाहती है। क्योंकि मप्र में 51 प्रतिशत जनता ओबीसी वर्ग में आती है।