विहिप ने मुलाकात के लिए समय मांगा, रहवासियों की मांग चौड़ीकरण करे पर उजाड़े नहीं
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर के सामने वाले हिस्से में 70 मीटर क्षेत्र को रिक्त कर उसे मंदिर परिसर में मिलाने की कार्ययोजना का मुद्दा जल्द ही सीएम शिवराज सिंह चौहान के पास दोबारा जा सकता है। विश्वहिंदू परिषद, बजरंग दल के अलावा अन्य हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों ने इस मुद्दे को सीएम के सामने रखने के लिए उनसे समय मांगा है। प्रभावित क्षेत्र के रहवासियों ने यह यह साफ किया है कि मंदिर क्षेत्र में चौड़ीकरण पर उनका किसी तरह से विरोध नहीं है लेकिन प्रशासन 215 मकानों को पूरी तरह नहीं उजाड़े।
महाकालेश्वर मंदिर के सामने 70 मीटर के दायरे में 215 मकान ऐसे जिनका अधिग्रहण होना है। कलेक्टर कार्यालय से जमीन अधिग्रहण के लिए धारा-11 का प्रकाशन भी कर दिया गया है। इसकी अवधि 18 जनवरी को पूरी होगी। इसके बाद धारा-19 का नोटिस जारी कर सभी प्रभावित रहवासियों को निश्चित समय सीमा में अपने निर्माण हटा लेने के लिए कहा जाएगा। इसी अवधि में प्रत्येक मकान का मुआवजा निर्धारण भी होगा। क्षेत्र के रहवासी इस योजना का लगातार विरोध कर रहे है। लगभग हर रोज मंदिर क्षेत्र में धरना, पैदल मार्च जैसी गतिविधियां हो रही है। क्षेत्रीय रहवासियों के संगठन के प्रतिनिधि ऋषभ बाबू यादव ने बताया कि क्षेत्र के रहवासी मंदिर पहुंच मार्ग के चौड़ीकरण के पक्ष में है, प्रशासन यदि चाहे तो मंदिर पहुंच मार्ग को चौड़ा करने की योजना बना सकता है। महाकालेश्वर मंदिर परिसर के विस्तार के लिए 21 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता थी, इससे ज्यादा अब तक 25 हेक्टेयर जमीन मिल चुकी है। इसके बाद भी प्रशासन मंदिर के सामने वाले क्षेत्र को पूरी तरह से रिक्त कराकर यहां पीढिय़ों से रह रहे परिवारों को पूरी तरह हटाने पर आमादा है। यादव ने बताया कि सभी रहवासी मंदिर के किसी काम के विरोधी नहीं है, विरोध 215 मकानों को पूरी तरह हटाने का है। इसके लिए आने वाले दिनों में रहवासियों का प्रतिनिधि मंडल विहिप पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिलेगा। इसके अलावा धरना और अनशन की प्रक्रिया भी जारी रहेगी।