साहित्यिक संस्था दिनकर सृजन संस्थान से एमओयू साईन
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय ने साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में काम करने के लिए भी कदम आगे बढ़ा दिया है। संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में काम करने वाली उज्जैन की संस्था दिनकर सृजन संस्थान के साथ मिलकर विश्वविद्यालय यह काम करेगा। शुक्रवार को विश्वविद्यालय और दिनकर सृजन संस्थान के बीच इस उद्देश्य से एमओयू साईन किया गया।
विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पांडेय और कुलसचिव डॉ.प्रशांत पुराणिक तथा दिनकर सृजन संस्थान अध्यक्ष डॉ.पंकजा सोनवलकर, सचिव आलोक गुप्ता ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो.शैलेन्द्र कुमार शर्मा, इतिहासविद व लेखक जीवनसिंह ठाकुर भी उपस्थित थे।
रूपरेखा व भूमिका डॉ.पंकजा सोनवलकर ने प्रस्तुत की। उद्बोधन इतिहासविद ठाकुर ने दिया और कहा साहित्य को विस्तारित करने और विद्यार्थियों को इससे जोडऩे में यह एमओयू एक नव हस्ताक्षर सिद्ध होगा। कुलपति प्रो.पांडेय ने कहा दिनकर सृजन संस्थान के माध्यम से संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में अध्ययन करने के साथ ही शोध में भी सहायक होगा। कवि दिनकर की स्मृति मेें स्थापित इस संस्थान से जुडऩा निश्चित रूप से एक नया अध्याय की शुरूआत है। वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद त्रिवेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। आभार जयंत गुप्ता चार्टर्ड अकाउंटेंट ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम को एक माला में पिरोने का काम दिनेश दिग्गज ने किया, जो सूत्रधार रहे। कार्यक्रम में अन्य कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। संस्थान दिनकर सृजन संस्थान दो दशक से साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय है। 2001 से यह कार्यरत है तथा 2018 में इसका विधिवत पंजीयन हुआ। प्रसिद्ध कवि दिनकरजी की स्मृति में उनके उद्देश्यों के अनुरूप इसकी स्थापना की गई है। यह जानकारी संस्थान के सचिव आलोक गुप्ता ने दी।