महाकाल मंदिर में दर्शन कारोबार: प्रोटोकॉल टिकट 500 रुपए में बेचते पकड़ाया पुरोहित प्रतिनिधि

प्रशासक ने श्रद्धालु से पूछा तो हकीकत सामने आई, कालाबाजारी से बचाने के लिए नया प्रोटोकोल ऑफिस खोला

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में दलालों का जाल इस कदर फैला हुआ है कि श्रद्धालुओं को इनसे राहत मिलती दिखाई ंनहीं दे रही है। हाल ही में ऐसे दो मामले सामने आने के बाद सोमवार को तीसरा मामला सामने आया है। जिसमें एक पुरोहित ने 100 रुपए की दो प्रोटोकॉल टिकट श्रद्धालुओं को 500 रुपए में थमा दी। महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक ने यह मामला रंगे हाथ पकड़ा है।

सोमवार दोपहर के समय प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ को मंदिर का राउंड लेने के दौरान काला गेट पर जबलपुर निवासी सुरेन्द्र राजौरिया और रजनी पुरोहित प्रतिनिधि पं. तिलक व्यास के साथ प्रवेश करते दिखे। प्रशासक ने श्रद्धालुओं से टिकट का पूछा तो उन्होंने 100 रुपए की दो प्रोटोकॉल टिकट निकाल कर प्रशासक को दिखा दी। साथ ही यह भी बताया गया कि उन्होंने यह टिकट 500 रुपए में पुरोहित से खरीदी हैं। मंदिर प्रशासन ने तिलक व्यास को निलंबित कर दिया है।

बाकी रुपए वापस लौटाये

मामला पकड़ में आने के बाद पुरोहित तिलक व्यास से पूछताछ की गई और श्रद्धालुओं को प्रशासक ने बाकी 300 रुपए वापस करवाए। ज्ञातव्य रहे कि पुजारी पुरोहितों को उनके यजमान के लिए प्रोटोकॉल टिकट जारी की जाती है। श्रद्धालुओं को ठगकर उनसे पूजा अर्चना कराने के नाम पर अतिरिक्त पैसे भी वसूल कर लिए जाते हैं। ऐसे में मंदिर की छवि दागदार होती है। इन कामों में पुजारी पुरोहितों के सेवक भी लगे हुए हैं जो कि प्रोटोकॉल टिकट अधिक दामों पर हार फूल वालों के हाथों देकर श्रद्धालुओं से मोटी रकम वसूल करते हैं।

100 रुपए टिकट सभी को उपलब्ध कराने की तैयारी

मंदिर प्रशासक की माने तो प्रोटोकॉल टिकट के दुरुपयोग को देखते हुए अब 100 रुपए की प्रोटोकॉल टिकट सभी दर्शनार्थियों को उपलब्ध कराने पर विचार किया जा रहा है। जिसके चलते ऐसा कोई भी श्रद्धालु जो भगवान महाकाल के दर्शन करने का इच्छुक है। वह आसानी से टिकट खरीद कर भगवान महाकाल के दर्शन कर सके।

ज्ञातव्य रहे कि फिलहाल प्रोटोकॉल के अतिरिक्त अन्य लोगों को शीघ्र दर्शन करने के लिए 250 रुपए की टिकट मंदिर में उपलब्ध है। जिससे श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करते हैं। 100 रुपए की टिकट सभी के लिए उपलब्ध हो जाने के चलते दलाली प्रथा पर काफी हद तक अंकुश लग जाएगा।

तीन दिन में तीसरा मामला

नववर्ष के पहले दिन से लेकर 3 जनवरी तक प्रोटोकॉल टिकट से ठगी करने के तीन मामले सामने आ चुके हैं। पहला मामला नववर्ष के पहले दिन का है, जब दलाल ने 100 रुपए की प्रोटोकॉल टिकट को इंदौर रोड स्थित एक निजी होटल से आए 7 व्यक्तियों को प्रतिव्यक्ति 1100 रुपए के हिसाब से बेची थी।

यह मामला भी प्रशासक ने पकड़ा था। दूसरा मामला 2 जनवरी का है जब 5 श्रद्धालुओं को 250 रुपए की शीघ्र दर्शन टिकट प्रति व्यक्ति 500 रुपए के हिसाब से बेच दी गई थी। यह मामला भी प्रशासक ने पकड़ा था। हालांकि मामले मे ंदलाल को नहीं पकड़ा जा सका। लेकिन मामला संज्ञान में आने के बाद प्रशासक ने सोमवार से नई व्यवस्था अन्न क्षेत्र में शुरू की है।

अन्न क्षेत्र में नया प्रोटोकाल आफिस खोला, पूछताछ होगी

100 रुपए की प्रोटोकॉल टिकट की कालाबाजारी को देखते हुए मंदिर प्रशासक ने अन्नक्षेत्र में एक नया प्रोटोकॉल ऑफिस खोल दिया है। जिसमें आगंतुक अतिथियों के लिए सोफा सेट से लेकर जलपान की व्यवस्था भी की गई है। जानकारी के अनुसार प्रोटोकॉल टिकट लेने आने वाले को एक फॉर्म भरना होगा।

जिस पर हस्ताक्षर करने के लिए कार्यालय अधीक्षक प्रेम उदैनिया, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, प्रतिक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरपी तिवारी की समय अवधि अनुसार ड्यूटी लगाई गई है। इनमें से किसी एक के हस्ताक्षर होना अनिवार्य होंगे।

इसके बाद ही प्रोटोकॉल टिकट जारी किया जाएगा। इस दौरान प्रोटोकॉल लेने आने वाले का आधार कार्ड भी देखा जाएगा और उससे पूछताछ की जाएगी कि वह किसके मार्फत प्रोटोकॉल टिकट लेने आया है।

अग्निपथ पहले ही कर चुका था पर्दाफाश

दैनिक अग्निपथ ने 3 जनवरी के अपने अंक में नववर्ष पर…100 की टिकट 1100 में , 250 रुपए का टिकट 500 में.. ठगाए श्रद्धालुओं के बारे में समाचार प्रकाशित किया था।

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