थोड़ी संवेदना दिखाइए-जनसुनवाई का मजाक मत बनाइए…!

उज्जैन, अग्निपथ। ऊपर लगी तस्वीर को गौर से देखिए। इनका नाम तेजसिंह पटेल उम्र 75 साल। निवासी पंवासा पेट्रोलपंप, रेलवे पटरी के पास। आज फिर एक बार जनसुनवाई में आये थे। कमजोर और चलने-फिरने से लाचार हैं। पिछले साल नवम्बर- दिसम्बर और नये साल जनवरी में फिर न्याय की आस लेकर आये थे, मगर जनसुनवाई में हमेशा की तरह इनका आवेदन, दर्ज होकर रद्दी की टोकरी में चला गया।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जनसुनवाई शायद इसलिए शुरू की थी, आम जनता को आसानी से न्याय मिल सके। उनको बार-बार चक्कर नहीं काटना पड़े। उनका असली मकसद तो यही था। मगर इसके ठीक उलट हो रहा है। लाचार तेजसिंह पटेल के साथ। जो पिछले साल से अपनी जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए जनसुनवाई में चक्कर पर चक्कर काट रहे है। आज भी वह व्हील चेयर पर लाये गये। हमेशा की तरह उनका आवेदन मार्क हुआ और जमा करने के बाद, उनको बैरंग लौटा दिया गया।

गुहार …

अग्निपथ ने खुद पिछले साल 2 दफा तेजसिंह पटेल को व्हील चेयर पर लाते देखा है। हर बार वह एक ही गुहार लगाते हंै। इस बार भी उन्होंने अपनी जमीन को कब्जे से मुक्त कराने की गुहार लगाई। उनके अनुसार ग्राम गुर्जर खजूरिया में उनकी काफी जमीन है। 9 लडकियों और 5 लडक़ों के बाप है। काफी समय पहले ग्राम के दंबगों ने उनको भगा दिया। उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया। घट्टिया जनपद में उनका गांव आता है। गांव से भगाने के बाद अब पूरा परिवार पंवासा रेलवे पटरी के नजदीक रहता है। ऐसा उनके दामाद रूस्तम का कहना है।

इत्तेफाक …

यह एक अजीब इत्तेफाक है। जमीन पर कब्जा दिलाने की गुहार आज तक कलेक्टर आशीषसिंह तक नहीं पहुंची है। जब-जब फरियादी जनसुनवाई में आया। उस वक्त इत्तफाक से कलेक्टर जनसुनवाई में मौजूद नहीं थे। नतीजा फरियादी को बार-बार जनसुनवाई में आना पड रहा है। आज भी कलेक्टर गये और फरियादी का आगमन हुआ। अब उम्मीद है कि कलेक्टर आशीषसिंह थोड़ी संवेदना दिखायेंगे और जनसुनवाई को मजाक होने से बचायेंगे।

आगे बढ़ा दिया …

आज जनसुनवाई में कलेक्टर आशीषसिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कई आवेदन खुद लिये और सबको सुना। निराकरण के निर्देश भी दिये। करीब 15 मिनिट पहले वह उठ गये थे। तभी व्हील चेयर पर तेजसिंह को लाया गया। उन्होंने अपना आवेदन सीधे जिला पंचायत सीईओ अंकिता धाकरे को थमाया। मामला भी घट्टिया जनपद का था। लेकिन जिपं सीईओ ने आवेदन लेते ही, सरसरी निगाह डाली और ग्राम पंवासा का नाम सुनकर तत्काल आवेदन वापस कर दिया। नतीजा एसडीएम संजीव साहू ने इस आवेदन को मार्क किया और आवेदन फिर एक बार जमा हो गया। पुराने आवेदनों की तरह।

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