विक्रम विवि के बाहर विद्यार्थी परिषद का विरोध प्रदर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में बने नए होस्टल में फीस बढ़ाने का निर्णय विक्रम विवि प्रशासन को 24 घंटे में ही वापस लेना पड़ गया है। बुधवार को विक्रम विवि प्रशासनिक भवन के बाहर विद्यार्थी परिषद के सदस्यों द्वारा फीस बढ़ाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था। शाम को कुलसचिव ने बढ़ी हुई फीस वापस लेने के आदेश जारी कर दिए।
विक्रम विवि परिसर में बने नए होस्टल के करीब 35 कमरों में 80 से ज्यादा विद्यार्थी रहते है। इनसे अब तक सालाना 7 हजार रुपए शुल्क जमा किया जाता था। मंगलवार को कुलसचिव प्रशांत पुराणिक ने एक आदेश जारी कर होस्टल की फीस को 2 हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया। इस मान से विद्यार्थियों को हर साल लगभग 24 हजार रुपए भरने पड़ते।
एक बार में ही सीधे तीन गुना शुल्क वृद्धि के निर्णय के बाद बुधवार दोपहर भारतीय जनता पार्टी से जुड़े छात्र संगठन विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने विक्रम विवि प्रशासनिक भवन के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कुलसचिव इनसे मुलाकात करने पहुंचे लेकिन छात्र कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे से ही बात करने पर अड़े रहे।
करीब 1 घंटे तक परिषद सदस्यों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। आखिरकार कुलपति प्रो. पांडे पहुंचे और उन्होंने परिषद सदस्यों को आश्वस्त किया कि बढ़ी हुई फीस जारी शैक्षणिक सत्र से लागू नहीं की जाएगी। कुलपति के आश्वासन के बाद विद्यार्थी परिषद का विरोध प्रदर्शन शांत हो गया। विद्यार्थी परिषद के महानगर मंत्री गौरव बैंडवाल ने मांग संबंधी ज्ञापन भी दिया।
आंदोलन में प्रमुख रूप से विश्व विद्यालय के संयोजक रितिक मोड़, उज्जैन विभाग के संयोजक दुष्यंत मालवीय, विभाग सहसंयोजक युवराज पण्ड्या, विक्रम विश्व विद्यालय के अध्यक्ष राज मेहता सहित सैकड़ों छात्र शामिल हुए। बुधवार शाम कुलसचिव ने नवीन छात्रावास की शुल्क वृद्धि को वापस लेने के विधिवत आदेश भी जारी कर दिए।