10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षाओं पर तीसरी लहर का संकट

उज्जैन, अग्निपथ। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के आंतरिक मूल्यांकन के अंक जमा करने की तारीख 31 दिसंबर के बाद 15 जनवरी किए जाने एवं देश में प्रदेश में कोरोना के साथ-साथ ओमीक्रान के दिन प्रतिदिन बढ़ रहे आंकड़ों को देखते हुए 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षाओं पर संकट के बादल गहराने लगे हैं इससे बोर्ड परीक्षाएं निरस्त होने की संभावनाएं भी बढ़ गई है।

कोरोना के बढ़ते मरीजों के कारण एवं प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में ओमी क्रान की लहर को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 10वीं एवं 12वीं की फरवरी में आयोजित होने वाली परीक्षा निरस्त होने की संभावना बढऩे लगी है बोर्ड का पूरा प्रयास ऑफलाइन परीक्षा कराने का है किंतु परीक्षा नहीं होने की स्थिति में बोर्ड द्वारा एक और प्लान बना कर रखा है जिसमें परीक्षा नहीं होने की स्थिति में आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट घोषित किया जाएगा।

इस शैक्षणिक सत्र में प्रारंभ में ही बोर्ड द्वारा सभी अशासकीय स्कूलों को आंतरिक मूल्यांकन करने के निर्देश दे दिए थे यदि कोरोना की स्थिति बिगड़ती है तो तिमाही अर्धवार्षिक एवं प्री बोर्ड के मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार कर घोषित किया जाएगा इस बार किसी भी स्थिति में जनरल प्रमोशन नहीं होगा।

पिछले 2 वर्ष से परीक्षा नहीं होने के कारण सभी विद्यार्थियों को पास किया जा रहा था पिछले वर्ष यह निर्णय अशासकीय स्कूलों के कारण लेना पड़ा था कोरोना का हवाला देते हुए सभी प्राइवेट स्कूलों द्वारा आंतरिक मूल्यांकन का विरोध किया था स्कूलों ने तिमाही अर्धवार्षिक परीक्षा नहीं कराई थी, इसलिए उनके मूल्यांकन का कोई आधार नहीं था। इसी कारण कक्षा नौवीं एवं 11वीं के अंकों के आधार पर फार्मूला रिजल्ट बनाया गया था किंतु बोर्ड द्वारा इस बार जुलाई से आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य कर दिया गया है।

प्रदेश में पहली बार बोर्ड परीक्षाएं कोरोना के भय के कारण मार्च के बजाय फरवरी मैं ली जा रही है प्रायोगिक परीक्षाएं 12 फरवरी से शुरू होकर 31 मार्च तक सभी परीक्षा केंद्रों पर एवं अध्ययनरत स्कूलों में ली जाएंगी बोर्ड द्वारा परीक्षा प्रणाली में भी भारी परिवर्तन किया जाकर पहली बार 40 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जा रहे हैं इसके पूर्व 25 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते थे। लोक शिक्षण द्वारा पूर्व में प्रदेश में आयोजित तिमाही और अर्धवार्षिक परीक्षा में इस परिवर्तन को लागू भी कर दिया।
बोर्ड द्वारा फरवरी में आयोजित परीक्षा में इस वर्ष 17 लाख 90 हजार परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे पिछले 3 वर्षों से परीक्षार्थियों की संख्या निरंतर कम होती जा रही है। जहां कक्षा 12वीं में परीक्षार्थी कम हुए हैं वह कक्षा दसवीं में परीक्षार्थी बढ़ें है।

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