अपर आयुक्तऔर उपायुक्त को कुछ दिन पहले ही आवंटित मकान दूसरों को सौंपे
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता कब क्या कर जाए, नगर निगम में कोई नहीं जानता। उनके फैसले अजीब और रहस्यों से भरे होते है। गुरूवार को आयुक्त के एक फैसले की नगर निगम में खासी चर्चा रही। नगर निगम में वर्तमान में पदस्थ अपर आयुक्त और उपायुक्त को ग्रांड होटल परिसर में कुछ वक्त पहले ही दो आवास आवंटित किए गए थे, अब बगैर कोई कारण बताए इन अधिकारियों के आवंटन को निरस्त कर दूसरे दो अधिकारियों को ये आवास आवंटित कर दिए गए है।
आयुक्त के इस फैसले के पहले शिकार बने अपर आयुक्त राधेश्याम मंडलोई, उन्हें ग्रांड होटल परिसर में दिसंबर महीने में ही मकान आवंटित हुआ था। कागजों पर आवंटन तो हुआ लेकिन मंडलोई इसमें शिफ्ट नहीं हो पाए। अब इसी आवास को सहायक आयुक्त नीता जैन को आवंटित कर दिया गया है। आयुक्त के अजीब फैसले का दूसरा शिकार बने उपायुक्त संजेश गुप्ता। सुबह से शाम तक फील्ड में लगातार सक्रिय रहने वाले संजेश गुप्ता को कुछ दिन पहले ही ग्रांड होटल परिसर का आवास आवंटित हुआ था।
इस आवास में पूर्व उपायुक्त भविष्य खोब्रागढ़े अभी भी काबिज है। आवंटन के कुछ दिन बाद ही इस आवास को नया आदेश जारी कर अपर आयुक्त वित्त आदित्य नागर को आवंटित कर दिया गया है। यह पूरी कवायद जिन दो आवासों को लेकर हुई है वे पिछले लगभग डेढ़ साल से योगेंद्र पटेल और भविष्य खोब्रागढ़े के कब्जे में थे। दोनों ही अधिकारियों का उज्जैन से ट्रांसफर हो चुका है लेकिन इन्होंने आवास छोड़ा नहीं था।