कोरोना संकट से बचाव की प्रार्थना, गणपति मंडपम की पहली रैलिंग से किए दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान शनिवार सुबह भगवान महाकाल की आरती में शामिल हुए। सुबह 7.30 बजे महाकाल मंदिर पहुंचे राज्यपाल महाकाल भक्ति में रमे हुए नजर आए। उन्होंने ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप भी किया। उन्होंने भोग आरती में भी भाग लिया। उन्होंने भगवान महाकाल से कोरोना संकट से बचाव की प्रार्थना की। इसके बाद अपने वर्चुअल दोस्त से मिलने पहुंचे।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा का विरोध करने वालों को संविधान का पाठ भी पढ़ाया। कहा- प्रधानमंत्री पार्टी का नहीं होता। वह देश का होता है। उनका विरोध करना संविधान की आत्मा का विरोध करना होता है।
राज्यपाल खान ने गणपति मंडपम की पहली रैलिंग से भगवान महाकाल के दर्शन किए। आरती के बाद एसडीएम गोविंद दुबे और महाकाल मंदिर के अधिकारियों ने शाल, श्रीफल और महाकाल का प्रसाद देकर सम्मानित किया । इसके बाद वह इंदौर रोड स्थित अपने दोस्त से मिलने के लिए चले गए।
श्री खान शुक्रवार शाम को उज्जैन पहुंच गए थे। उन्होंने देवास रोड स्थित सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम किया। वह शनिवार सुबह आरती में शामिल होने महाकाल मंदिर पहुंचे थे। राज्यपाल ने विधि-विधान से भगवान महाकाल का पूजन किया । पुजारियों ने उनकी आरती विधि संपन्न करवाई।
शाह बानो प्रकरण से आए थे चर्चा में
सुप्रीम कोर्ट ने 23 अप्रैल 1985 को शाह बानो केस में ऐतिहासिक फैसला दिया था। इसमें मुस्लिम महिलाओं के लिए तलाक के बाद भरण-पोषण भत्ता देने का प्रावधान किया गया था। इस फैसले का मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कड़ा विरोध किया था। इसी दबाव में राजीव गांधी की तत्कालीन सरकार ने मुस्लिम महिला अधिनियम 1965 पारित करा दिया। राजीव गांधी के यूटर्न से नाराज होकर आरिफ मोहम्मद खान ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
वर्चुअल दोस्त से पहली बार मिले
शनिवार को उज्जैन आए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान दरअसल अपने 5 साल पुराने दोस्त कमल बागड़ी से मिलने भी आए थे। दोस्ती भी ऐसी कि 5 साल में अब तक एक बार भी नहीं मिले। केवल फोन पर बातें हुई या व्हाट्सएप पर मैसेज किए।
महाकालेश्वर दर्शन के बाद वह सीधे अपने दोस्त कमल बागड़ी के यहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि अपने वर्चुअल दोस्त से मिलकर काफी प्रसन्नता हुई।
उनके दोस्त कमल बागड़ी ने कहा कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मेरी किताबें पढ़ी होंगी। इसके बाद उन्होंने कहीं से मेरा मोबाइल नंबर तलाशा और मुझे फोन किया। पहली बार बात करने पर दोनों ने सहजता महसूस की, फिर हमारी बातें लगातार होने लगी। मैं अभी तक उनसे नहीं मिला था। यह हमारी पहली मुलाकात है।