मप्र सरकार या तो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव करवाएं या पंच-सरंपच, जनपद एवं जिला पंचायत सदस्यों को उनके अधिकार लौटाए : डीपी धाकड़

Jhabua panchayat chunav nirast virodh 100122

पंचायत चुनाव पर रोक को लेकर पूर्व जनप्रतिनिधयों ने जताया आक्रोश

झाबुआ, अग्निपथ। मप्र सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एक ओर जहां प्रदेश में होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी गई है। वहीं दूसरी ओर आचार संहिता खत्म होने के बाद पंच-सरपंच, जनपद एवं जिला पंचायत सदस्यों आदि का उनके पूर्व की तरह अधिकार नहीं लौटाते हुए उनकी जगह प्रशासनिक अधिकारियों को चार्ज दे दिए गए है।

जानकारी देते हुए कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता साबिर फिटवेल ने बताया कि जिसके विरोध में 10 जनवरी, सोमवार को दोपहर 1 बजे जिलेभर के सभी उक्त जनप्रतिनिधि जिला मुख्यालय पर जिला पंचायत कार्यालय परिसर में एकत्रित हुए। जहां उन्होंने अपने अधिकार लौटाने के लिए उक्त मांग को जोर-शोर से बुलंद किया। इस दौरान एक सभा का भी आयोजन हुआ। जिसमें उपस्थित पेटलावद विधायक वालंिसंह मेड़ा ने कहा कि मप्र सरकार पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ छलावा कर रहीं है। उनके द्वारा एक ओर जहां पंचायत चुनाव में अड़ंगा लड़ाते हुए इस पर रोक लगा दी है तो दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों के अधिकार छीनकर उनके संपूर्ण वित्तीय अधिकार प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी गई है। यह दौहरी मार जनप्रतिनिधि सहन नहीं करेंगे।

रतलाम से आए जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं मप्र पंचायत प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीपी धाकड़ ने ओजस्वी उद्बोधन में प्रदेश सरकार को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि या तो सरकार मप्र में जल्द ही त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव करवाएं या फिर सभी पंच-सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्यों को अधिक अधिकार लौटाएं, नहीं तो आज केवल आंदोलन किया जा रहा है। मांग पूरी नहीं होने पर प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री का घेराव करने से भी प्रदेशभर के उक्त जनप्रतिनिधि नहीं चूकेंगे।

मप्र सरकार के खिलाफ तीव्र आक्रोश जताया

इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष शांति राजेश डामोर, जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष रूपसिंह डामोर, जनपद पंचायत झाबुआ अध्यक्ष शंकरसिंह भूरिया, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष झाबुआ कान्हा गुंडिया, जनपद सदस्य मथियास भूरिया आदि ने भी इस मामले में मप्र सरकार के खिलाफ अपना पूरजोर आक्रोश व्यक्त किया। सभा का संचालन जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष हेमचंद डामोर ने किया। बाद यहां से अपने अधिकारों के संबंध में नारेबाजी करते हुए सैकड़ों की संख्या में उपस्थित समस्त जनप्रतिनिधि कलेक्ट्रोरेट पहुंचे। जहां नारेबाजी के बीच ही सभी ने मिलकर मप्र के मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम झाबुआ एलएन गर्ग को ज्ञापन प्रस्तुत किया।

पंचायतों का चार्ज पुन: जनप्रतिनिधियों को लौटाया जाए

यहां ज्ञापन का वाचन एवं संबोधन मप्र पंचायत प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीपी धाकड़ ने किया। सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि मप्र सरकार ने वर्तमान में पंचायत चुनाव पर रोक लगाई है, इसलिए पूर्व में जिस तरह जनप्रतिनिधियों को चार्ज दिया गया था, वैसे ही अब चुनाव निरस्त होने के बाद आचार संहिता खत्म होने से पुन: वर्तमान जनप्रतिनिधियों को ही चार्ज लौटाए जाए। जिससे वर्तमान कोरोकाल में जनप्रतिनिधि जनमानस की भावना के अनुरूप कार्य कर सके और सेवाएं दे सके। साथ ही ग्रामों में रूके हुए विकास कार्य भी निर्बाध रूप स ेआरंभ हो सके।

वर्तमान में नगर निगम, मंडी, सहकारिता और अन्य संस्थाओं के चार्ज अधिकारियों के पास है, जिससे आमजन की शासन में कोई भागीदारी नहीं है। मप्र में अधिकारी राज कायम हो गया है। इस हेतु ज्ञापन में प्रबलता से मांग की गई कि पंचायतों के सुचारू रूप से संचालन हेतु जनप्रतिनिधियों को ही पुन: कार्यभार दिया जाए, जब तक कि अगले चुनाव की तिथि या प्रक्रिया आरंभ नहीं हो जाती है। इस अवसर पर जिलेभर से सैकड़ों की संख्या में आए पंच-सरपंच, जनपद, जिला पंचायत सदस्य, अध्यक्ष-उपाध्यक्षगण आदि उपस्थित थे।

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