नंदीहाल और गर्भगृह पर लगा प्रतिबंध आगे बढ़ाया, आईटी शाखा सॉफ्टवेयर अपडेशन में लगी
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों के कारण श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन अब श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने की योजना पर कार्य कर रहा है। शीघ्र ही इस पर अमल किया जा कर श्रद्धालुओं की संख्या पुन: निश्चित कर नि: शुल्क ऑनलाइन के माध्यम से श्रद्धालुओं को प्रवेश कराया जाएगा। मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को अनिवार्य किया जा सकता है। प्रस्ताव बनाकर मंदिर प्रशासन ने जिला क्राइसिस कमेटी की बैठक में रखेगा।
सोमवार को मंदिर प्रशासन के साथ पुजारी और पुरोहितों की हुई बैठक में सभी ने एकमत से श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने पर अपनी सहमति व्यक्त की थी। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने का प्रस्ताव जिला क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में रखने जा रहा है।
आगामी दिनों में आयोजित बैठक में रखकर इसको श्रद्धालुओं के लिए लागू कर दिया जाएगा। स्लाट के माध्यम से पूर्व कोरोना काल की तरह 5 हजार श्रद्धालुओं को प्रतिदिन प्रवेश दिया जा सकता है। फिलहाल श्रद्धालुओं को इस बारे में जानकारी नहीं होने के चलते यह योजना शीघ्र लागू नहीं की जा सकेगी। लेकिन एक सप्ताह के अंदर इस योजना को अमलीजामा पहना दिया जाएगा।
वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अथवा आरटीपीसीआर
मंदिर प्रशासन के साथ आयोजित बैठक में पंडित पुजारियों ने गर्भगृह और नंदीहाल में प्रतिबंध आगे बढ़ाए जाने पर सहमति व्यक्त की है। इसके साथ श्रद्धालुओं के लिए वैक्सीनेशन के दोनों टीके लगना अनिवार्य करने तथा मोबाइल में प्रमाण पत्र अथवा नेगेटिव आरटी पीसीआर रिपोर्ट आवश्यक किया जाएगा।
सॉफ्टवेयर किया जा रहा अपडेट
जानकारी में आया है कि बैठक के बाद मंदिर की आईटी शाखा द्वारा सॉफ्टवेयर को अपडेट करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। जिसके चलते पूर्व की तरह प्रति घंटा लगभग 500 श्रद्धालुओं के प्रवेश का स्लाट अपडेट किया जा रहा है। इस तरह से लगभग 5 हजार श्रद्धालुओं का प्रतिदिन प्रवेश दिया जाएगा।