मेघनगर / रंभापुर। कोराना काल में तनाव मुक्त माहोल व हास्य लाफ्टर के जरिए व गीत गज़़ल साहित्य का संचार कर आम जन को डिफेशन से बाहर लाने के उद्देश्य से रंभापुर के बड़ा राम मंदिर परिसर में छटवा विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन पत्रकार संघ व ग्राम मित्रमंडल रंभापुर के तत्वावधान में भुपेंद्र बरमंडलिया व पंकज राका के संयोजन में अभय जैन की अध्यक्षता में सूत्रधार राष्ट्रीय विचारों के कवि निसार पठान रंभापुरी के नेतृत्व में व अंतरराष्ट्रीय सबरस कवि अशोक भाटी उज्जैन के संचालन में संपन्न हुआ।
कोराना प्रोटोकाल का पालन व प्रशासन की गाईड लाईन सहित मास्क व सेनिटाइजर प्रयोग करते हुवे कविता की महफि ल सतत् जारी रही हास्य व्यंग देशभक्ति श्रृंगार रस व गीत गज़़लों से देश के ख्याति प्राप्त कवियों ने ऐसा समां बांधा की सर्द रात में इस आयोजन ने यादगार इतिहास रच दिया आयोजन के दौरान कोराना काल में सेवा देने वाले एक दर्जन से अधिक चिकित्सकों का सम्मान भी किया गया। कवियों को भी अभिनंदन पत्र भेट किए।
आयोजन की शुरुआत मां शारदे पर के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर आमंत्रित अतिथियो सर्वश्री डाक्टर बसंत सिंह खतेडिया सेवानिवृत्त शिक्षक एल एस नायक वरिष्ठ समाजसेवी कमलेश दातला एभारत सिंह सांकलाए रोटरी क्लब अपना अध्यक्ष निलेश भानपुरिया एउद्योग पति विनोद बाफ ना, निवृतमान पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष संजय भटेवरा एमांगीलाल नायक आदि ने कर शुरुआत की मुंबई से आई राना तबस्सुम की शारदे वंदना से काव्य पाठ की शुरुआत की राना तबस्सुम ने अपने गीतों मुक्तकों से खुब दाद बटोरी। आपने कहा एक तमाशा बनाकर छोड़ेगी, आग दिल में लगाकर छोडेगी, फि र तेरी याद मेरे परदेशी मुझको पागल बनाकर छोड़ेगी…।
ओजस्वी कवि ललितपुर से आएं पंकज अंगार ने मुक्तकों में देशभक्ति का जलवा दिखाया एक लडक़ी मे मुझको सारा हिंदुस्तान दिखा गीत पर खूब सराहा गया। पंकज अंगार ने कहा बहन राखी के धागों के सभी दस्तूर दे आई, एक मां अपने आंख का चमकता नूर दे आई, जरा सी कम नजऱ आई वतन के भाल पर लाली सुहाग की सुहागन झट से अपनी मांग का सिंदूर दे आई… से शहादत का जिक्र किया।
पीलीभीत की बांसुरी नाम से मशहूर युवा कवियित्री एकता भारती ने श्रंगारित मुक्तकों से युवाओं से खुब तालियां बटोरी एकता ने कहा जो मेरे दिल में मिलता हैं वो किस्मत में नहीं मिलता इबादत में तों मिलता है इनायत में नहीं मिलता। मुझे इस जिंदगी से आज बस इतनी सी शिक़ायत है वो ख्वाबों में तों मिलता हैं हकीकत में नहीं मिलता। सहित मां तों केवल मां होती भावपूर्ण रचना पढ़ अपनी अमिट छाप छोड़ी।
लाफ्टर कवि कांकरोली राजस्थान के सुनील व्यास ने मोबाइल ने छिन लिया संस्कार रचना से हास परिहास व व्यंग के जरिए परम्परा व आधुनिकता को कविता में बयां किया। गांव से निकल देश.भर में ओज की रचना से पहचान बनाने वाले निसार पठान रंभापुरी ने शुरुआत हास परिहास श्रंगार सहित गौ माता को बचाइए कविता से कवि सम्मेलन को ऊंचाई दी निसार पठान ने कहा न प्यार प्रणय न दिल का कोई अरमान लिखाएन काजल कंगन पायल पर मचलता दिल का कोई ईमान लिखा, देश जले ओर मैं चुप रहू कदापि ये हो नहीं सकता। भुल प्यार मनुहार की भाषा मैंने जलता हिन्दुस्तान लिखा से खुब दाद बटोरी एव पुष्प माला से सम्मान पाया। लाफ्टर किग हास्य के बाजीगर मंदसौर के मुन्ना बैटरी ने हंसा हंसा कर लोट पोट कर दिया।। मुन्ना ने कहा जितना खर्च पाकिस्तान बम व भाड़े के तमचियो पर करता हैं उतना तों भारतीय सेनिटाइजर से हाथ रगडऩे में कर लेते हैं। उक्त व्यंग टिप्पणी से खूब तालियां पाई पाई।
मांडव के धीरज शर्मा लोक गीतों में हास्य व मोबाइल लोकेशन से हास्य निकाल श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया कोमल नाजुक रायबरेली ने प्यार मनुहार के मुक्तकों गीत गज़़ल से रसासवदित किया।
संचालन करते हुए उज्जैन के अशोक भाटी ने राम कृष्ण को कविता में पिरो आध्यात्म का संचार किया तों आफि स में महिला कर्मचारी व नौकर बेचारे प्राणनाथ कविता से उसके नामों की शब्दावली से खूब हंसाया।
इस आयोजन में रंभापुर सहित गुजरात के टाडा, दाहोद ,मेघनगर थांदला, रानापुर ,कुंदनपुर ,पिटोल झाबुआ ,खच्चर टोडी, मदरानी राजस्थान के कुशलगढ़ से भी काव्य रसिक कविता का आनंद लेने आए। बतोर अतिथि श्रोताओं में उपस्थिति पीपलखूटा महन्त दयाराम दासजी महाराज ,आदिवासी लोक गायक कुंदनपुर तिवारी उर्फ शशांक तिवारी ,उद्योग पति जयंत सिंघल रोटरी क्लब संस्थापक भरत मिस्त्री, उमेश बरमण्डलिया हरपाल खतेडिया,गुडडु भाई आदि का सहयोग सराहनीय रहा प्रारंभिक संचालन साहित्य शैली में मनीष गिरधाणी ने किया।