वित्तीय अधिकारों के साथ सरपंच एक बार फिर पावरफुल
कायथा, अग्निपथ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को प्रदेश के सरपंचों को एक बार फिर ताकत देते हुए उनके वित्तीय अधिकार बहाल कर दी हैं। जिसके बाद सरपंच एक बार फिर पावरफुल हो गए हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पूरे प्रदेश के सरपंचों के चेहरे एक बार फिर खिल गए हैं।
मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लग गई थी। जिसके बाद सरपंचों से पंचायतों के वित्तीय अधिकार छीन कर पंचायत समन्वयक को ये जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। लेकिन पहले आरक्षण का विवाद और सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने आखिरकार चुनाव को टालने का निर्णय ले लिया था। इसके बाद से ही वित्तीय अधिकारों को लेकर पंचायत के प्रतिनिधियों और शासन के बीच रस्साकशी चल रही थी।
सरकार ने पहले ये अधिकार निवर्तमान सरपंच को सौंपने का निर्णय लिया था लेकिन एक दिन बाद ही इस फैसले को बदल दिया गया था। जिसके बाद प्रदेशभर के सरपंचों ने सरकार के बदले निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। सरपंच संघ लगातार मांग कर रहा था कि वह निर्वाचित प्रतिनिधि है इसलिए वित्तीय अधिकार उन्हें सौंपी जाएं। सरपंच संघ के बढ़ते दबाव के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को आगामी पंचायत चुनाव तक एक बार फिर वित्तीय अधिकार सरपंचों को सौंपने को लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं।
जिसके बाद सरपंच अब पहले की भांति गांव विकास के निर्णय स्वयं ले सकेंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा बाद के बाद प्रदेशभर के सरपंचों में जहां खुशी की लहर है, वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया है।