नवविवाहिता को जलाने वाले देवर और सास को न्यायालय ने किया दंडित

10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

शाजापुर, अग्निपथ। दहेज के लिए प्रताडि़त कर नव विवाहिता को जलाने के दोषी देवर और सास को न्यायालय ने 10-10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। करीब चार साल पुराने मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शुजालपुर ने यह सजा दी है।

अभियोजन के जिला मीडिया सेल प्रभारी सचिन रायकवार ने बताया कि 15 मई 2018 को थाना अवंतिपुर बड़ोदिया में दर्ज प्रकरण के मुताबिक मृतिका अर्चना पति वकील (30 साल) निवासी पाड़लिया की इलाज के दौरान हमीदिया अस्पताल भोपाल में मौत हो गई। जांच के दौरान अर्चना की मां सम्पत बाई, पिता बद्रीप्रसाद, भाई अभय, बहन रीना एवं भतीजी प्रिया के कथन लेख किए गए, जिन्होंने बताया कि अर्चना की सास क्षमाबाई एवं देवर अनिल छोटी-छोटी बातों पर अर्चना से झगड़ा करते थे।

अर्चना को शासकीय कुटीया मिलने पर घर खाली करने एवं दहेज में कुछ नहीं लाने एवं उसकी मांग को लेकर अक्सर परेशान करते थे। घटना के दिन भी अर्चना को उसकी बहन की लडक़ी प्रिया को साथ लाने एवं घर खाली करने की बात पर सास क्षमाबाई एवं देवर अनिल ने लड़ाई-झगड़ा किया। अर्चना असामान्य परिस्थिति में जली हुई मिली जिसकी ईलाज के दौरान मृत्यु हुई।

इस पर आरोपियों के विरूद्ध थाना अ.बड़ोदिया पर अपराध पंजीबद्ध किया गया। बाद अनुसंधान आरोपियों के विरूद्ध चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से उपसंचालक अभियोजन शाजापुर प्रेमलता सोलंकी के मार्गदर्शन में पैरवी अति जिला लोक अभियोजन अधिकारी शुजालपुर संजय मोरे द्वारा की गई। मामले में आरोपी अनिल पिता देवीलाल (28) व क्षमाबाई पति देवीलाल (60) निवासी पाड़लिया को दोषी पाते हुए न्यायालय ने धारा 498 ए भादवि में 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2-2 हजार रुपए का अर्थदंड तथा धारा 304 बी भादवि में 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास से दण्डित किया गया है।

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