देवास, अग्निपथ। आशा कार्यकर्ता द्वारा दिव्यांग गर्भवती महिला से रुपयों की मांग की गई। रुपये देने से मना करने पर प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र साथ जाने से इंकार कर दिया।
उक्त आरोप लगाते हुए बरोठा निवासी धर्मेन्द्र नागर मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और आवेदन सौंपा। धर्मेन्द्र ने बताया कि पत्नी किरण धाकड़ दिव्यांग है, 15 जनवरी की शाम उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो वार्ड की आशा कार्यकर्ता सरोज नागर को सूचना दी। उन्हें अस्पताल साथ चलने को कहा। आशा कार्यकर्ता ने कहा कि ऑपरेशन का केस है, 5000 से 6000 रुपये लगेंगे।
आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण महिला के पति ने पैसे देने से मना कर दिया तो आशा कार्यकर्ता सरोज नागर ने साथ में अस्पताल जाने से मना कर दिया। तभी हमने 108 पर फोन कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया। वहां से हमें महात्मा गांधी जिला चिकित्सालय देवास में पहुंचाया गया। जहां लापरवाही युक्त हमें बेवजह की कठिनाई बताकर ऑपरेशन करने से मना कर दिया।
रात का समय था और मेरी पत्नी को पेट दर्द अत्यधिक हो रहा था, ऐसी अवस्था में मुझे मजबूर होकर प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन करवाना पड़ा। जहां पर बिना कोई कठिनाई के सरलता पूर्वक ऑपरेशन कर दिया गया। जिससे मुझे 40 हजार रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ और सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता राशि से भी वंचित रह गया। शिकायकर्ता धर्मेन्द्र ने कलेक्टर से मांग की है कि आशा कार्यकर्ता पर उचित व दण्डात्मक कार्यवाही की जाए और मेरे नुकसान की भरपाई की जाए।