नाबालिग की इज्जत बचाने के बजाय आरोपियों का बचाव कर रही पुलिस

झाबुआ, अग्निपथ। झाबुआ थाने पर इन दिनों अजीबो गरीब खेल चल रहा है एक तरफ पुलिस विभाग और उनके कप्तान पुलिस मोबाइल पर नारी के रक्षा के कैसेट बजाते हैं तो दूसरी ओर उनके थाने के आला अधिकारी नारी की सुरक्षा करने के बजाए नारी के साथ शारीरिक शोषण करने वाले आरोपियों को बचाने का काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं, ऐसी घटना झाबुआ थाने पर विगत दिवस घट गई है।

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक नाबालिग लडक़ी जिसका नाम हम नहीं लिख सकते स्वयं प्रत्यक्ष रूप से हमार सामने उपस्थित होकर बताया कि 3 जनवरी को बाटिया बयडी का एक लडक़ा जिसका नाम प्रकाश है, वह मुझे बहला-फुसलाकर गुजरात ले गया। वहां 15 दिन तक मेरे साथ गलत व्यवहार और शारीरिक शोषण करता रहा।

मेरे माता पिता ने जिससे कि एक रिपोर्ट झाबुआ थाने पर नामजद आरोपी के खिलाफ की। पुलिस उस रिपोर्ट के पश्चात भी प्रकरण में आरोपियों को गिरफ्तार करने के बजाय टालमटोल करती रही।

नाबालिग लडक़ी के पिता ने हिम्मत नहीं हारी और वह न्याय की गुहार लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ संघर्ष करता रहा । प्रभारी मंत्री से लगाकर आईजी-डीआईजी और झाबुआ जिले के पुलिस कप्तान को भी उसने अपनी फरियाद सुनाई, तब जाकर पुलिस हरकत में आई 15 दिन के पश्चात उक्त नाबालिग लडक़ी को उसके पिता और पुलिस के दबाव के चलते आरोपी के काका गुजरात से उसे थाना झाबुआ में पदस्थ वन स्टार मेडा के हवाले करके चले गए ।

जबकि वन ्टार को उनको गिरफ्तार करके थाने ले जाना था परंतु लडक़ी को लेकर वे थाने पहुंचे इस बीच उक्त वन स्टार ने उस नाबालिग लडक़ी पर इतना दबाव बनाया कि वह टीआई के सामने और थाने पर बयान देते समय आरोपी एवं उसके परिवार जनों का नाम नहीं ले पाई । यह कृत्य पुलिस का इतना निंदनीय है कि इस कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है ।

नाबालिग लडक़ी ने मीडिया को बताया कि उसे बचाने के नाम वनस्टार ने आरोपी लडक़े और उसके परिवार जनों से डेढ़ लाख नगद रुपए भी उसे बचाने के नाम पर ले लिए थे । यह कथन स्वयं नाबालिग लडक़ी ने स्वयं उपस्थित होकर बताएं। अब यह प्रश्न उठता है कि नाबालिग लडक़ी के पिता ने जब अपने नाबालिग लडक़ी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई जो टीआई ने दर्ज की है तो उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय चुपचाप ढंग लडक़ी को डरा धमका कर एसडीएम में बयान करवा दिए ।

लडक़ी भी डरी हुई थी वह बयान देते समय वह थरथर कांप रही थी। ऐसा उसके माता पिता का कहना है झाबुआ जिले के पुलिस कप्तान जो पुलिस स्टाफ के मोबाइल पर नारी सम्मान के ट्यून और धुन बजाते हैं वह उनकी कितनी रक्षा कर पा रहे हैं । कार्रवाई की जांच उक्त घटना से स्पष्ट होती है पुलिस कप्तान अपने ही अधीनस्थ थाने के वन स्टार और तीन स्टार की कार्रवाई की जांच करा लें तो दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा तथा दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा।

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