डिपार्टमेंट से सेट होंगे पेपर, प्रभावित होगा रिजल्ट

इसी साल शुरू हुए है नए कोर्स, रिजल्ट बिगड़ा तो बिगड़ेगी विक्रम विश्वविद्यालय की साख

उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय पर इस वक्त ऑफलाइन परीक्षाएं कराने का भारी दबाव है। इसी दबाव के बीच विवि प्रशासन का एक आदेश यहां की विभिन्न अध्ययनशालाओं में पढऩे वाले विद्यार्थियों के बीच खौफ की वजह बन गया है।

विवि प्रशासन ने गत शुक्रवार को एक आदेश जारी कर विभाग प्रमुखों को ही परीक्षा पत्र तैयार कराने को कह दिया है। इस आदेश की वजह से विवि के कई विभागों में गफलत की स्थिति बन गई है।

दरअसल विवि में कई विभाग ऐसे है जिनमें विषय से संबंधित विभागाध्यक्ष ही नहीं है। विभागाध्यक्ष को प्रश्नपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद अब ऐसे विभागों के परीक्षार्थियों में खौफ है। अब तक विवि प्रशासन स्वयं विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित कर प्रश्नपत्र तैयार करता रहा है।

अब जबकि विभागाध्यक्षों को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है और विभागाध्यक्ष का विषय ही दूसरा है तो परीक्षार्थियों में खौफ होना स्वाभाविक भी है। इस नए प्रयोग से विवि का रिजल्ट भी बिगड़ सकता है।

उच्चशिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव के प्रयासों के बाद विवि में इसी साल नए लगभग 200 कोर्स आरंभ किए गए है। इनमें से अधिकांश में विषय विशेषज्ञ विभागाध्यक्ष नहीं है। यदि प्रश्नपत्र तैयार करने में चूक हुई तो इसका खामियाजा पूरे विश्वविद्य़ालय की साख को प्रभावित करेगा।

दरअसल, विवि में कुछ ऐसे भी लोग सक्रिय है जो पुराने ढर्रे पर ही चलना चाहते है। ऐसे लोग यदि नए आदेश के बाद सक्रिय हुए तो अगले सत्र से ही विवि में कई सारे नए कोर्स बंद करने की नौबत आ जाएगी।

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