बडऩगर तहसील में पदस्थ रहे पटवारी को विशेष न्यायालय ने दी सजा
उज्जैन, अग्निपथ। बडऩगर तहसील में पदस्थ रहे एक पटवारी को सोमवार को विशेष न्यायालय ने दो अलग-अलग धाराओं में 4-4 साल कैद और 34 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अगस्त 2016 में लोकायुक्त की टीम ने इस पटवारी को एक किसान से 17 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। सजा सुनाए जाने के तत्काल बाद न्यायालय ने रिश्वतखोर पटवारी को जेल भेज दिया है।
सोमवार को विशेष न्यायाधीश पंकज चर्तुवेदी के न्यायालय में यह फैसला हुआ है। लोकायुक्त द्वारा बडऩगर तहसील के गजनीखेड़ा हल्के में पदस्थ पटवारी राजेंद्र मांझी के खिलाफ 2019 में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। लोकायुक्त संगठन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पाठक द्वारा पटवारी राजेंद्र मांझी के विरूद्ध एकत्रित साक्ष्य विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए।
सोमवार को विशेष न्यायाधीश ने पटवारी राजेंद्र मांझी को दोष सिद्ध कर भेरवगढ़ केंद्रीय जेल भेजने के आदेश जारी किए। पटवारी मांझी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13(2) के तहत 4-4 साल कारावास और दोनों धाराओ में 34 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
एक नजर मामले पर
- गजनीखेड़ी गांव में रहने वाले किसान नंदकिशोर पाटीदार ने 29 अगस्त 2016 में पटवारी राजेंद्र मांझी के खिलाफ लोकायुक्त को शिकायत की थी।
- गजनीखेड़ा और माधौपुरा में किसान नंदकिशोर पाटीदार के परिवार की 26 बीघा जमींन है, पाटीदार इसका नामांतरण व खसरा बी-1 निकलवाना चाहता था। इसी काम के लिए पटवारी राजेंद्र मांझी से उसने मुलाकात की।
- नामांतरण और खसरा बी-1 नकल देने के लिए पटवारी ने नंदकिशोर पाटीदार से 30 हजार रूपए मांगे थे। किसान द्वारा लोकायुक्त में शिकायत करने के बाद पटवारी द्वारा रूपए मांगे जाने का ऑडियों टेप किया गया।
- 31 अगस्त 2016 को लोकायुक्त की टीम ने किसान नंदकिशोर पाटीदार से रिश्वत के 17 हजार रूपए लेते हुए पटवारी राजेंद्र मांझी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।