13 माह बाद पकड़ाया धोखेबाज: किसानों को मुनाफे का झांसा देकर ठगे थे 60 लाख

14 किसानों ने दर्ज कराई थी शिकायत, 2 दिन की रिमांड पर

उज्जैन, अग्निपथ। फसल का बाजार से अच्छा मुनाफा दिलाकर किसानों को 50-60 लाख का चूना लगाकर भागे धोखेबाज को राजगढ़ से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने दो दिन की रिमांड पर लिया है। धोखेबाजी में उसकी पत्नी भी शामिल थी, जिसे न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई है।

नीलगंगा टीआई तरुण कुरील ने बताया कि दिसंबर 2020 में दाऊदखेड़ी के रहने वाले दारासिंह पिता आशाराम चौधरी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि हाटकेश्वर कॉलोनी में रहने वाले महेश सावलेचा और उसकी पत्नी संतोषबाई ने फसल का अच्छा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर 2 लाख 40 हजार की धोखाधड़ी की है। दोनों ने दाऊदखेड़ी, पालखेड़ी, भैरवगढ़ और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले करीब 14 किसानों की फसल लेकर 60 लाख से अधिक की धोखाधड़ी की है।

पुलिस ने मामले में जांच के बाद धोखेबाज द पति के खिलाफ धारा 420 का प्रकरण दर्ज कर तलाश शुरु की थी। जानकारी सामने आई थी कि वह मूलरुप से राजगढ़ का रहने वाला है। दबिश देने पर फरार होना सामने आये थे। इस बीच 2 दिन पहले खबर मिली कि धोखेबाज दम्पति घर आये हुए हैं। जिन्हे गिरफ्तार करने के लिये एक टीम रवाना की गई। राजगढ़ से महेश सकलेचा को पकड़ा गया। पत्नी की अग्रिम जमानत होना सामने आया है। शनिवार को महेश को न्यायालय में पेश कर 2 दिनों की पूछताछ के लिये रिमांड पर लिया गया है।

ट्रेडिंग का झांसा देकर फंसाया

किसान दारासिंह ने बताया कि महेश और उसकी पत्नी संतोषबाई ने ट्रेडिंग कारोबार का झांसा देकर फंसाया था। उसने कुछ दिनों तक उनकी फसल लेकर बाजार भाव से अधिक पैसे दिये। दोनों गांव-गांव में किसानों से गेहूं, चना, सोयाबीन की फसल ले रहे थे। दाऊदखेड़ी में ही गोदाम भी किराये से लिया था, जिसके चलते किसानों को विश्वास हो गया था। न बर-दिसंबर 2020 में दोनों ने फसल लेकर नगद पैसों के बदले चैक देना शुरु कर दिया।

चेक 20 से 25 दिन में कैश करने की बात कहीं गई। इस बीच करीब 14 किसानों से 60 लाख की फसल ले ली गई। दिसंबर 2020 के दूसरे सप्ताह में रातों-रात दम्पति माल लेकर गायब हो गये। बैंक में चैक लगाने पर हस्ताक्षर फर्जी होना सामने आये।

सिंहस्थ भूमि का प्लाट बेचकर दिया धोखा

भैरवगढ़ मार्ग पर सिंहस्थ भूमि का प्लाट व्यवसायिक होना बताकर कमल पिता पूनमचंद भाटी ने 8 लाख में ढांचा भवन में रहने वाले मूलचंद गोविंदानी को वर्ष 2013 में बेच दिया था। काफी समय तक रजिस्ट्री नहीं कराई गई। प्लाट खरीदने के बाद मूलचंद गोविंदानी ने जानकारी जुटाई तो सामने आया कि भूमि सिंहस्थ की है। जिसे व्यवसायिक बताकर बेचा गया है। मामले की शिकायत जीवाजीगंज थाने पर आवेदन देकर की गई। पुलिस ने ल बी जांच प्रकिया के बाद शनिवार को मामले में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर कमल भाटी की गिरफ्तारी के प्रयास शुरु किये है।

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