उज्जैन विकास प्राधिकरण के अफसरों की लापरवाही उजागर, अपना पक्ष नहीं रखा, इससे योजना हुई खारिज

उज्जैन, अग्निपथ। शहर के सबसे ज्यादा विवादित उज्जैन विकास प्राधिकरण बिल्डरों को लाभ पहुंचाने में जुटा हुआ है। सरकार और आम लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए इस तरह योजना बनाता है कि वह पास ही नहीं हो पाए। जब वरिष्ठ अफसरों के सामने पक्ष रखने का अवसर आता है तो संबंधित व्यक्ति गायब हो जाता है। ताकि योजना खारिज हो जाए और अफसरों और बिल्डरों के गठजोड़ पर कोई आरोप भी न लगे । गोयला खुर्द समेत जो योजनाएं खारिज हो चुकी हैं वे इसका उदाहरण है।

बताया जाता है कि उज्जैन विकास प्राधिकरण में एक गैंग काम कर रही है, जो सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द करने की योजना में लगी हुई है। इसी के तहत गोयला खुर्द की जमीन पर योजना बनाकर भोपाल भेजी गई थी और उस जब भोपाल से योजना को लेकर आपत्ति लगाई गई और पक्ष रखने का समय दिया गया तो प्राधिकरण से कोई भी भोपाल में पक्ष रखने गया ही नहीं। ताकि योजना खारिज हो जाए। हुआ भी यही भोपाल से एक तरफा फैसला किया गया।

प्राधिकरण ने एक तरफा फैसले के खिलाफ कोई आवेदन नहीं दिया और न ही इसको लेकर विरोध जताया। प्राधिकरण के भूमाफिया से जुड़े कर्मचारी और अफसर योजना को खारिज होने का इंतजार करने लगे और योजना खारिज होते हुए इसकी एनओसी भी जारी करने लगे हैं। ताकि सब काम लोगों की नजर में लीगल नजर आए और करोड़ों की जमीन भूमाफिया के पास बगैर किसी विवाद के पहुंच जाए।

यहीं नहीं हाल ही में इसी तरह की एनओसी एक बड़े बिल्डर को करीब दो करोड़ रुपए लेकर दिए जाने के आरोप भी प्राधिकरण के अफसरों पर लग रहे हैं। इस संबंध में ईओडब्ल्यू और अन्य स्तर पर भी शिकायत की गई है। ताकि इस पूरे खेल में अफसरों और बिल्डरों का भांडा फोड़ा जा सके।

बताया जाता है फर्जी टीएनसी के आधार पर यूडीए लगातार रजिस्ट्रियां भी करवा रहा है। इस मामले में बसंत विहार में एचआईजी 3 के नाम से फर्जी रजिस्ट्रियां किए जाने का मामला भी सामने आया है। 18 भूखंड़ों के विषय में नगर निगम कमिश्नर भी चार से ज्यादा पत्र प्राधिकरण को लिख चुके हैं। उनसे स्वामित्व की जानकारी मांगी जा रही है। परन्तु प्राधिकरण के अफसर इस पत्र का जवाब भी नहीं दे रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ उक्त जमीन के डायर्वसन के लिए आदेश भी दिए जा चुके हैं।

इसी मामला में कांग्रेस नेता भी प्राधिकरण के अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को आवेदन दे चुके हैं। पुलिस अभी मामले में जांच करने की बात कह रही है। वहीं प्राधिकरण के अफसर भी इस मामले को कोर्ट में होने का हवाला देकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

यह पत्र यूडीए में अफसरों और बिल्डरों के गठजोड़ की पोल खोल रहा

आयुक्त सह संचालक नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल ने 22 अप्रैल 2021 को पत्र लिखा है। इसमें उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित नगर विकास स्कीम टीडीएस योजना क्रं.01/20 ग्राम गोयलाखुर्द ,मालनवासा में आवासीय उपयोग हेतु योजना तैयार करने का विषय दिया गया है।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग की अवर सचिव सुप्रिया पेंडके के हस्ताक्षर से जारी पत्र में 17 दिसंबर 2020 की समीक्षा बैठक का हवाला दिया गया है। कार्यवाही के विवरण बिंदु क्रंमाक तीन में कहा गया है कि विकास प्राधिकरण द्वारा ऐसी टाउन प्लानिंग स्कीम ही जाए जिससे मास्टर प्लान की अधोसंरचना का विकास हो। ऐसी टाउन प्लानिंग स्कीम में आवश्यक लघुतम भूम ही शामिल की जए। विकास प्राधिकरण कालोनाइजर के रूप में कोई कार्य नहीं करे।

यह कालोनी कालोनाइजर के रुप में प्रस्तावित की गई है। अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक विकास प्राधिकरण को सुनवाई का समय 16 जनवरी 2021 दिया गया था। सुनवाई के लिए कोई संतोषजनक जानकारी और तथ्य ही प्रस्तुत नहीं किए गए। इसके आधार पर गोयलाखुर्द मालनवासा की योजना को कुल भूमि 8.343 को धारा 50 के तहत रिजेक्ट किया जाता है।

यहां उल्लेखनीय है कि योजना को रिजेक्ट कराना ही प्राधिकरण के अफसरों का एकमात्र उद्देश्य था, वर्ना नगर एवं ग्राम निवेश विभाग में अपना पक्ष रखते और अवर सचिव के संतुष्ट नहीं होने पर आगे की सुनवाई के लिए प्रयास करते, परन्तु ऐसा नहीं किया गया। आपत्ति लगाई जाती,लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।

इसमें जिन जमीनों में बिल्डरों का लाभ नहीं मिलता है उन जमीनों के लिए प्राधिकरण का लीगल सेल लाखों रुपए खर्च करता है ताकि आम लोगों और सरकार के अफसरों को लगता रहे कि प्राधिकरण के अफसर जमीन बचाने के लिए मेहनत कर रहे हैं।

Next Post

कांग्रेस में असहयोग आंदोलन : राष्ट्रीय सचिव मित्तल आए, शिकायतें सुनी और चलते बने,नहीं निकाल पाए हल

Mon Jan 31 , 2022
संभाग के पदाधिकारी राष्ट्रीय सचिव के रवैये से नाराज होकर गए उज्जैन, अग्निपथ। शहर कांग्रेस में असहयोग आंदोलन का मामला बढ़ता जा रहा है। उज्जैन के विवाद की गूंज दिल्ली तक पहुंचने के बाद दिल्ली दरबार से राष्ट्रीय सचिव और मप्र के सह प्रभारी सीपी मित्तल को उज्जैन भेजा गया […]
Congress rai 310122