दान की राशि में पारदर्शिता के लिए समिति गठित
उज्जैन, अग्निपथ। प्राचीन गोवर्धन सागर को नया स्वरूप प्रदान करने के लिए रामादल अखाड़ा परिषद द्वारा आरंभ की गई मुहिम में अब शैव शंभू सन्यासी मंडल भी जुड़ गया है। सोमवार को शैव अखाड़ों के संत, महंत, महामंडलेश्वर भी गोवर्धन सागर तट पर पहुंचे और श्रमदान में भाग लिया।
सोमवार दोपहर शैव शंभू सन्यासी मंडल के अध्यक्ष महंत रामेश्वरगिरी की अगुवाई में शैव अखाड़ों के प्रतिनिधि भी श्रमदान में सम्मिलित हुए। शैव शंभू सन्यासी मंडल से महंत रामेश्वर गिरी जूना अखाड़ा, महंत प्रेम गिरी अटल अखाड़ा, महंत प्रणवानंद सिद्ध आश्रम, महंत देवगिरी नीलगंगा जूना अखाड़ा, महंत विद्याभारती जूना अखाड़ा, महंत कृष्णागिरी हरियाणा सेवा आश्रम, महंत सेवानंद गिरी आवाहन अखाड़ा सहित सभी सन्यासी अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
विकास समिति का गठन
रामादल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डॉ. रामेश्वरदास ने बताया कि गोवर्धन सागर विकास समिति का गठन किया गया है। गोवर्धन सागर विकास के लिए विभिन्न समाजसेवियों और संगठनों द्वारा दानराशि अर्पित की गई है। इस समिति में महंत विशालदास, ओम अग्रवाल पूर्व पार्षद और कमल कौशल शीतला माता भक्त मंडल को सदस्य बनाया गया है।
बावड़ी, श्रीकृष्ण प्रतिमा निजी भूमि पर
एडव्होकेट सुरेन्द्र शुक्ल ने एक प्रेसनोट जारी कर श्री गोवर्धन सागर में निकली बावड़ी, श्रीकृष्ण की प्रतिमा को निजी भूमि पर होना बताया है। उन्होंने बताया कि उनके दादा जयशंकर शुक्ल द्वारा 100 वर्ष पूर्व पूजन अर्चन के लिए निजी भूमि सर्वे क्रमांक- 1280 पर प्रतिमा स्थापित की गई थी। वहीं कुआ सर्वे क्रमांक-1130 पर स्थित है। प्रतिमा का विधिवत पूजन अर्चन किया जाता रहा है। शुक्ल परिवार द्वारा गोवर्धन सागर में श्रमदान भी किया जा रहा है।