हाथ में तलवार और पत्नी की कटी गर्दन लेकर घूम रहा था
बडऩगर, अग्निपथ। चरित्र शंका में पत्नी की गर्दन काटकर हत्या करने के मामले में आरोपी पति को कोर्ट ने दोषी ठहराया है। उसे सश्रम आजीवन कारावास की सजा के साथ एक हजार रुपये अर्थदंड भी दिया है। अपने फैसले के दौरान न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा कि हत्यारे पति के प्रति उदारता दिखाना समाज के लिए सुरक्षित और न्यायोचित नहीं होगा।
बडऩगर न्यायालय में अपर सत्र न्यायाधीश सुनील मालवीय ने मंगलवार को दिये अपने फैसले में आरोपी को आम्र्स एक्ट की धारा 25 के तहत भी आरोपी नारायणसिंंह राजपूत निवासी धुरेरी को दोषी करार दिया है। आरोपित को दोष सिद्ध ठहराते हुए न्यायाधीश मालवीय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अभिलेख के अवलोकन से साफ है कि अभियुक्त ने अपनी पत्नी धनाकुंवर की गर्दन तलवार से काट कर निर्ममता पूर्वक हत्या करने का अपराध किया है।
इन परिस्थितियों में उसके प्रति किसी भी प्रकार की उदारता प्रदर्शित की जाना सुरक्षित और न्यायोचित नहीं होगा। अभियुक्त को सहानुभूतिवश पर्याप्त या न्यूनतम दंड से दंडित करने से न्याय प्रणाली में जन सामान्य की आस्था क्षीण हो जाएगी।
यह है मामला
दरअसल ग्राम धुरेरी में रहने वाली धना कुंवर की उसी के आरोपित पति ने चरित्र शंका के चलते 31 जनवरी 2017 के दिन धारदार तलवार से उसकी गर्दन काटकर हत्या कर दी थी। फरियादी गोपाल ने पुलिस को सूचना दी थी कि वह ग्राम धुरेरी रहता है और घटना दिनांक को अपनी दुकान जाते समय रास्ते में आरोपित नारायण सिंह पिता कालू सिंह जाति राजपूत हाथ में तलवार व महिला की खून से सनी हुई कटी गर्दन लेकर जा रहा था। आरोपित नारायण सिंह से पूछा तो आरोपित ने बताया कि यह गर्दन उसकी पत्नी की है। जिसकी उसने गर्दन काट कर हत्या कर दी है।
उक्त घटना पर से फरियादी की रिपोर्ट पर थाना इंगोरिया ने देहाती नालीसी के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध किया। दौरान विवेचना के मृतिका के धड़ कि शिनाख्ती कराकर पुलिस थाना इंगोरिया द्वारा पंचनामा, घटनास्थल का नक्शा मौका, मौके से खून आलूदा व सादी मिट्टी जप्त कर जब्ती पंचनामा बनाया। आरोपी से धारदार तलवार एवं मृतिका धनाकुंवर का कटा सिर जब्त कर जबती पंचनामा बनाया।
पीएम कराकर साक्षियों के कथन लेख बद्ध किए आरोपित नारायण सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में अभियोग पत्र अंतर्गत धारा 302 भादस एवं 25 आर्म्स एक्ट का पेश किया। अभिलेख पर प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने माना कि अभियोजन ने अभियुक्त के विरुद्ध इस तथ्य को संदेह से परे प्रमाणित किया है कि, अभियुक्त ने उसकी पत्नी धना कुंवर को जान से मारने के आशय से धारदार हथियार तलवार से उसकी गर्दन काटकर मृत्यु कर हत्या की है ।
साथ ही न्यायालय ने यह भी माना कि अभियुक्त ने मप्र शासन की अधिसूचना क्रमांक 6312 6552 बी (1) के उल्लंघन में अपने अधिपत्य में एक लोहे की तलवार रखी है। जिसके अंतर्गत भी आरोपित को दोष सिद्ध ठहराया गया।