उज्जैन, अग्निपथ । शहर की रंगसंस्था कला चौपाल के बैनर तले प्रख्यात हिंदी नाटक बलि और शम्भू का मंचन शहर के कालिदास अकादमी परिसर स्थित अभिरंग नाट्यगृह में किया गया । संस्था कला चौपाल का यह नाटक बलि और शम्भू दो बुजुर्गों की कहानी है । जिनमें से एक को उसके घर से निकाल दिया गया है और दूसरा अपनी इकलौती बेटी की मौत के बाद अकेला वृद्धाश्रम में रह रहा है ।
कला चौपाल के कलाकारों द्वारा अभिनीत और विशाल सिंह कुशवाह के निर्देशन में दिखाया गया की जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो मां- बाप की अपेक्षाएं भी उनके साथ बड़ी होने लगती हैं फिर बड़ें होने के बाद बच्चे अपने माँ दृ बाप से दूर चले जाते हैं । कुछ रह जाता है तो बस अपेक्षाएं । नाटक बलि और शम्भू के माध्यम से कलाकारों ने जिन्दगी की सच्चाई और बुढ़ापे की पीड़ा को बड़े ही मार्मिक तरीके से पेश कर समाज को आइना दिखाया ।
शंभू अपनी बेटी से बहुत प्यार करता है लेकिन वह अपने प्रेमी के साथ भागकर शादी कर लेती है । शादी के बाद अपने पिता से माफी मांगकर उनको मनाने के लिए वापस घर लौटते समय कार एक्सीडेंट में उसकी मौत हो जाती है उसके बाद शंभू ओल्ड एज होम में आ जाता है । कुछ दिन बाद वहां पर बलि रहने के लिए आता है जिसको उसके घर वालों ने निकाल दिया है ।
पहले तो दोनों में बिल्कुल नहीं बनती है लेकिन धीरे- धीरे वे दोस्त बन जाते हैं और एक दूसरे का दर्द साझा करते है कुछ दिनों बाद शंभू की मौत हो जाती है । उसकी मौत के बाद शंभू की बेटी का पति उससे मिलने आता है और बलि खुद को शंभू बताकर उससे मिलता है कुछ इस प्रकार से इस नाटक में कलाकारों ने मानव के अंतर मन को दिखाने का प्रयास किया ।
यह नाटक मूल रूप से फिल्म अभिनेता एवं लेखक मानव कौल द्वारा लिखित है संस्था के अध्यक्ष एवं नाटक के निर्देशक विशाल सिंह कुशवाह ने बताया की हास्य व्यंग्य से सराबोर इस नाटक की मुख्य भूमिकाओं में नितिन सेठिया, अनन्त वर्मा, श्वेता जैन, कुशाग्र सिंह ठाकुर, वैशाली सोलंकी, यश भावसार ने अभिनय किया साथ ही मंच परे कलाकारों में श्वेता जैन एवं तनीश परमार मंच प्रबंधन एवं सज्जा, अनिल बेलिया, विशाल मेहता और नंदन चावड़ा मंच निर्माण, पंकज आचार्य रुप सज्जा, वैशाली सोलंकी, यश भावसार वस्त्र एवं वस्तु विन्यास, अनिल बेलिया, कृष्णपाल सिंह जादौन प्रकाश व्यवस्था, प्रतीक मित्तल पोस्टर डिज़ाइन, गौरव दाभाडे ध्वनी संयोजन ने सहयोग प्रदान किया ।
विशेष सहयोग अमित शर्मा, पूर्वाभ्यास प्रबंधन गौरांश कुशवाह अन्य सहयोग अंकित पटेल का रहा एवं कार्यक्रम का संचालन नवतेज सिंह ठाकुर ने किया ।