वारदात से पहले बाथरूम में छुपकर बैठे थे चोर

दवा बाजार में लाखों की दवाएं चुराने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

उज्जैन, अग्निपथ। माधवनगर स्थित दवा बाजार में लाखों रूपए कीमत की दवाएं चुराने वाली गैंग का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। दवा बाजार की दुकानों से करीब 40 लाख रूपए कीमत की दवाएं चुराने वाले यहीं की दुकानों के कर्मचारी निकले है। दवा बाजार के एक कारोबारी और देवास के एक कमिशन एजेंट ने इन चोरों से आधे दाम पर चोरी की दवाएं खरीदी थी।

चोर एक दुकान में वेंटिलेशन के कांच हटाकर भीतर घुसे थे जबकि दूसरी दुकान में पहले से शहर के भीतर वाला ताला खोलकर रखा था। वारदात से पहले ये लोग दवा बाजार की तीसरी मंजिल पर पहुंचकर बाथरूम में छुपकर बैठ गए थे। इसके अलावा दुकानों में लगे कैमरे भी आरोपियों ने पहले से बंद कर दिए थे।

रविवार दोपहर एएसपी शहर अमरेंद्र सिंह ने तीन चोरों की गैंग के गिरफ्तार होने की पुष्टी की। इनके नाम रोहित निवासी ग्राम अंबोदिया, रीक्कू उर्फ सुमित निवासी नीलगंगा और जीवन निवासी बैरछा है। तीनों के पास से करीब 6 लाख रूपए कीमत की दवाएं जब्त की गई है। दवा बाजार में 1 फरवरी की रात अभय एजेंसी पर दवाओं के बक्से चुराए जाने की घटना हुई थी। यहां से दवाओं के करीब 200 बक्से चुराए गए थे।

4 फरवरी को फिर से दवा बाजार की बोबल मेडिसिन सेंटर फर्म पर चोरी की वारदात हुई। बोबल मेडिसिन सेंटर में चोर वेंटिलेशन के कांच हटाकर भीतर घुसे थे। इस दुकान से भी 6 से 7 लाख रूपए कीमत की दवाएं चुराई गई थी। दोनों ही वारदात में चोरों ने जो तरीका अपनाया, उससे यह साफ हो गया था कि चोर दवा बाजार को अच्छे से जानते थे और यहीं के पूर्व या वर्तमान कर्मचारी हो सकते थे। इसी आशंका के आधार पर अभय एजेंसी पर काम करने वाले रोहित से पूछताछ की गई। पुलिसिया अंदाज में पूछताछ में वह टूट गया और दोनों ही वारदात में अपनी संलिप्पता कबूल कर ली।

रोहित के साथी रीक्कू और जीवन को भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। ये दोनों भी दवा बाजार की अलग-अलग फर्मो पर काम कर चुके थे। एएसपी शहर अमरेंद्र सिंह के मुताबिक तीनों ही चोरों ने उज्जैन में दवाओं के कारोबार से जुड़े 3 व्यापारियों और देवास के एक कमिशन एजेंट को आधे दाम पर दवाएं बेची है। पुलिस दवाएं खरीदने वालों से भी पूछताछ कर रही है।

बाथरूम बना चोरों का सहारा

अभय एजेंसी पर काम करने वाला रोहित चोरों की इस गैंग का लीडर है। अभय एजेंसी पर वारदात से पहले उसने एजेंसी के शटर में भीतर से लगने वाले ताले खोल दिए थे और कैमरों को बंद कर दिया था। वारदात से पहले की शाम वह अपने साथियों के साथ दवा बाजार में पहुंचा और तीसरी मंजिल पर पहुंच गया था।

तीसरी मंजिल अक्सर सूनी रहती है। तीनों चोर यहां की बाथरूम में छुपकर बैठे रहे और रात होने पर इन्होंने वारदात को अंजाम दिया। तीनों ही आरोपियों ने विवेकानंद कॉलोनी में एक कमरा किराए पर ले रखा था। इसी कमरे में चोरी की हुई दवाएं रखी जाती थी। तीनों दवा बाजार के कर्मचारी थे लिहाजा विवेकानंद कॉलोनी में भी लोग इन पर शक नहीं कर सके।

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