आंगनवाड़ी में नियुक्ति का फर्जी लेटर थमा कर की वारदात

5 साल बाद राजस्थान से धरा गया आरोपी

उज्जैन, अग्निपथ। ग्रामीण इलाकों में लोगों को आंगनवाड़ी में नौकरियां लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को घट्टिया पुलिस की टीम ने राजस्थान के झालावाड़ जिले से गिरफ्तार किया है। यह अपराधी 5 साल से फरार चल रहा था। आरोपी का एक साथी पहले ही गिरफ्तार हो चुका है जबकि एक फरार है।

घट्टिया थाना प्रभारी विक्रम सिंह चौहान ने बताया कि जलवा गांव में रहने वाले कमलेश बैरागी ने 7 सितंबर 2017 में तीन लोगों के खिलाफ 30 हजार रूपए की ठगी करने की एफआईआर दर्ज कराई थी। घोंसला के नजदीक एक गांव में रहने वाले शख्स ने कमलेश को प्रलोभन दिया था कि वह उसकी और उसके भाई की आंगनवाड़ी में नौकरी लगवा देगा।

नौकरी के एवज में आरोपी ने कमलेश से 30 हजार रूपए वसूले थे। इसके बाद उसने कमलेश और उसके भाई को तराना तहसील के आक्या गांव में नियुक्त का फर्जी लेटर थमा दिया। तीन महीने तक कमलेश आक्या में काम करता रहा, जब उसे सैलेरी नहीं मिली तब पता चला कि उसकी नियुक्ति ही फर्जी थी। कमलेश को यह भी जानकारी मिली कि उसके जैसे ही घट्टिया क्षेत्र में अन्य लोगों के साथ भी ठगी की गई है।

झालावाड़ जिले के नागेश्वर थाना क्षेत्र के उन्हेल गांव में रहने वाला राकेश पिता गंगाराम माली इस ठगी का मास्टर माईंड था। उसी ने घोंसला क्षेत्र में रहने वाले अपने रिश्तेदार के जरिए लोगों से ठगी की थी। घट्टिया थाना प्रभारी विक्रम सिंह चौहान ने बताया कि 2017 में घोंसला क्षेत्र में रहने वाले राकेश के रिश्तेदार को गिरफ्तार किया जा चुका था, राकेश 5 साल से फरार चल रहा था। उसे अब गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। इस अपराध में राकेश का सहयोगी एक ओर शख्स फरार है।

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