राजस्व विभाग के अधिकारियों की लापरवाही
नलखेड़ा, अग्निपथ। शासकीय भूमियों का संरक्षण राजस्व विभाग के अधिकारी किस प्रकार करते हैं इसका उदाहरण नलखेड़ा में देखने को मिल रहा है। दो-दो न्यायालय द्वारा मौके पर निर्माण कार्य नहीं करने तथा यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देने के बाद भी अधिकारियों की लापरवाही के चलते शासकीय भूमि पर अवैध रूप से लगातार निर्माण कार्य किया जा रहा है।
वहीं राजस्व विभाग का भारी भरकम अमला दो दो न्यायालय के यथास्थिति के आदेश का पालन करवाने में भी अपने आपको असहाय महसूस कर रहा हैं। इस कारण न्यायालय के आदेशों की अवमाननना तो हो रही है वही शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा भी हो रहा है।
नगर में मां बगलामुखी मुख्य मार्ग पर स्थित बेशकीमती शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 272 पर दबंग लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर रखा है। जिसका प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। उक्त प्रकरण में सिविल न्यायालय नलखेड़ा एवं जिला न्यायालय सुसनेर द्वारा भी कोई निर्माण कार्य नहीं करने तथा मौके पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश भी दिया गया है।
उसके बाद भी संबंधित लोगों द्वारा उक्त शासकीय भूमि पर अवैध रूप से निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसको रोक पाने में स्थानीय राजस्व विभाग नाकाम सिद्ध हो रहा है। राजस्व विभाग के अधिकारियों की अकर्मण्यता और लापरवाही का उदाहरण देखने को मिल रहा है कि दो दो न्यायालय द्वारा उक्त भूमि पर निर्माण कार्य नहीं करने तथा मौके पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के बाद भी राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी दोनों न्यायालय का आदेश का पालन करवाने मे असहाय नजर आ रहे हैं। वही न्यायालय के आदेश की अवमानना करवा रहे हैं।
जिले से तहसील तक के अधिकारियों की मिलीभगत
उक्त शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 272 नगर के मुख्य मार्ग पर स्थित है जहां से तहसीलदार एसडीएम से लगाकर पटवारी तक प्रतिदिन आते जाते रहते हैं लेकिन राजस्व विभाग के उक्त अधिकारी कर्मचारियों को न्यायालय के यथास्थिति के आदेश के बाद भी अवैध रूप से जो निर्माण किया जा रहा है वह नहीं दिख रहा है ।वही अधिकारियों को संज्ञान में लाने के बाद भी अधिकारियों द्वारा एक दूसरे पर थोप कर कोई कार्यवाही नहीं करना कई शंकाओं को जन्म दे रहा है।
जिला कलेक्टर तक को भी मामला संज्ञान में
मां बगलामुखी मार्ग पर स्थित उक्त शासकीय भूमि के मामले में जिला कलेक्टर से लगाकर तहसीलदार तक को भी मामला जानकारी मे है उसके बाद भी अधिकारियों द्वारा भू माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही नहीं करते हुए उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है। अब देखना है कि राजस्व विभाग के अधिकारी कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर क्या कोर्ट आफ कंटेंप्ट की कार्रवाई करेंगे।