कार के 10 की जगह 20 रुपए, बिना डरे पार्किंग शुल्क रसीद दे रहे
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल के सायकल स्टैंड संचालक परेशान मरीजों के परिजनों से अवैध वसूली कर रहे हैं। स्टैंड का ठेका देते समय अस्पताल प्रशासन ने जो पार्किंग शुल्क तय किया। उससे अधिक पैसा लेकर आर्थिक दोहन किया जा रहा है। बकायदा जो पार्किंग शुल्क पर्ची मरीजों के परिजनों को दी जा रही है। उसमें तय दरों से अधिक शुल्क डला हुआ है। ऐसे में मरीज के परिजन ठगा रहे हैं।
सायकल स्टैंड का ठेका 2 साल के लिए भोपाल के पंकज शर्मा का दिया गया है। इसके कर्मचारियों द्वारा जिला अस्पताल में आने वाले दोपहिया वाहन चालकों से 5 की जगह 10 रुपए पार्किंग शुल्क लिया जा रहा है। वहीं चारपहिया वाहन चालकों से 10 की जगह 20 रुपए लिए जा रहे हैं। बकायदा मरीजों के परिजनों को जो पर्ची दी जा रही है। उसमें बढ़ाई गया पार्किंग शुल्क लिखा हुआ है। ठेकेदार को इस बात का भी खौफ नहीं है कि अस्पताल प्रशासन द्वारा उस पर कार्रवाई की जा सकती है। मरीजों के परिजनों द्वारा शिकायत नहीं करने का फायदा भी स्टैंड संचालक उठा रहा है।
पार्किंग शुल्क का बोर्ड भी नहीं लगाया
किसी भी स्टैंड संचालक द्वारा ठेका लिए जाने के बाद पार्किंग शुल्क बोर्ड लगाया जाता है। ताकि बिना किसी हीलहुज्जत के वाहन चालक पार्किंग शुल्क दे दे। लेकिन जिला अस्पताल के स्टैंड संचालक द्वारा आज तक पार्किंग शुल्क का बोर्ड नहीं लगाया गया है। जिसके चलते मरीजों के परिजन ठगा रहे हैं।
चरक में कारों का पार्किंग कारोबार
चरक अस्पताल में भी इसी तरह का गौरखधंधा स्टैंड संचालक द्वारा किया जा रहा है। कई बार शिकायत के बाद भी अस्पताल के बेसमेंट में कारों को पार्किंग कराया जा रहा है। यहां पर प्रतिमाह के हिसाब से इन कारों का पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है। जबकि चारपहिया वाहन पार्किंग करने की इजाजत नहीं है। इसके बावजूद यह धंधा वर्षों से फलफूल रहा है।