एनएसयूआई ने यूनिवर्सिटी के भगवाकरण के खिलाफ गेट पर लहराया झंडा, पुलिस के बेरिकेड्स हटाकर घुसे परिसर में

नियमों के विरुद्ध नियुक्ति और कोर्स में धांधली का आरोप लगाया

उज्जैन, अग्निपथ। एनएसयूआई के छात्रों ने विक्रम विश्वविद्यालय के भगवाकरण और की जा रही धांधली के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस ने रास्ता रोकने के लिए बेरिकेड्स लगाए थे, इसे युवाओं की टीम ने एक झटके में हटा दिया और यूनिवर्सिटी के गेट पर एनएसयूआई का झंडा लहारा दिया। कई युवक गेट पर चढक़र नारेबाजी करते रहे। इन्हें पुलिस ने भारी मशक्कत के बाद उतारा।

एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी के नेतृत्व में कुलपति अखिलेश कुमार पांडे को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की गई। इस दौरान मंजूल त्रिपाठी ने कहा कि यूनिवर्सिटी में मप्र विश्वविद्यालय अधिनियम एवं अध्यादेशों का उल्लंघन किया जा रहा है। अवैध और फर्जी पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसका शिक्षा और गुणवत्ता से कोई लेना देना नहीं है।

कई बार स्थानीय नेताओं द्वारा कुलपति और कुल सचिव को ज्ञापन देकर जांच की मांग की गई। परन्तु शिक्षा मंत्री के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस दौरान बबलू खींची ने आरोप लगाया कि पीएचडी में कई तरह की धांधली की जा रही है। कई ऐसे लोगों से पीएचडी निदेशक बनाया जा रहा है, जो अयोग्य हैं। यूजीसी के निर्देशों का खुले आम उल्लंघन किया जा रहा है। एक सिस्टम इंजीनियर को शोध निदेशक बना दिया गया है।

कुलपति को ज्ञापन सौंपते एनएसयूआई पदाधिकारी।
कुलपति को ज्ञापन सौंपते एनएसयूआई पदाधिकारी।

इस दौरान बिट्टी चौकसे, तरूण गिरी,सुदर्शन गोयल,डॉ जितेंद्र परमार, हिमांशु शर्मा, डॉ.विजय बोड़ाना, महेन्द्र मालवीय, मयूर कानूनगो, नागेश परमार, बलराम मालवीय, आशीष सोलंकी, अशोक चौहान, विकास पांचाल, ऋषभ बुंदेल, वरूण चौहान, जितेंद्र बैरागी, सिद्धार्थ पाटीदार, उत्कर्ष जोशी, सोहन ठाकुर, कृतिक मनावत एवं भाराछासं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

शहर और जिलाध्यक्ष के लिए किया शक्ति प्रदर्शन

एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष का उज्जैन आगमन पर जोरदार स्वागत किया गया। जगह-जगह युवाओं ने मंच बनाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान एनएसयूआई से जुड़े युवाओं ने शक्ति प्रदर्शन भी किया। बताया जाता है कि जल्द ही एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष और शहर अध्यक्ष की घोषणा होनी है। इसके चलते ही युवाओं ने शक्ति प्रदर्शन किया है।

विद्यार्थी परिषद के छात्रों द्वारा अलग परीक्षा देने का करणी सेना ने किया विरोध

उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय में पिछले दिनों हुई परीक्षा के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े दो छात्रों को अलग कक्ष में बैठकर नियम विरूद्ध परीक्षा देते पकड़े जाने की घटना का श्री राजपूत करणी सेना मूल ने कड़ा विरोध किया है। इस संबंध में श्री राजपूत करणी सेना मूल द्वारा विक्रम

विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन सौंपकर मांग की हैं कि उक्त कृत्य करने वाले विद्यार्थी परिषद के विश्वविद्यालय संयोजक रितिक व उसके भाई आर्यन पर कड़ी कार्रवाई कर उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासित करने एवं विवि के जिन प्रोफेसर व कर्मचारियों ने भी यदि उनका साथ दिया हो तो उन्हें भी जांच कर निलंबित करने की कार्रवाई किया जाना चाहिए।

श्री राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष अंतरसिंह गेहलोत ने बताया कि दो दिनों के अंदर इस विषय को लेकर कुलपति के द्वारा यदि कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो श्री राजपूत करणी सेना मूल द्वारा इसके विरोध में उग्र आंदोलन किया जाएगा तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी इसको लेकर शिकायत की जाएगी।

विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारी होने के बावजूद इस तरह से परीक्षा व्यवस्था का मजाक उड़ाना अनुचित है। उक्त दोनों छात्रों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए। श्री राजपूत करणी सेना मूल ने परिषद के इन टिपोड़े कार्यकर्ताओं का बहिष्कार करने की भी मांग की। साथ ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के ऋषिनगर स्थित छात्र शक्ति भवन कार्यालय जाकर प्रांत संगठन मंत्री के नाम भी एक ज्ञापन सौंपा व कार्रवाई की मांग की।

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