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कलेक्टर और एसपी ने माना सतीमाता का मंदिर तोडऩे में प्रशासन से हुई चूक : दंडोतिया
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल विस्तारीकरण के नाम पर देवताओं की मूर्ति और मंदिरों को तोडऩे के विरोध में विश्वहिंदू परिषद और बजरंग दल भी मैदान में आ गया है। प्रशासन की मनमानी के विरोध में 10 फरवरी को उज्जैन बंद का आव्हान किया गया है। उक्त जानकारी विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री नंददास दंडोतिया ने प्रेस से चर्चा करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि उनके आव्हान की जानकारी प्रशासन को लग गई थी। इसलिए प्रशासन ने प्रेसवार्ता से पहले उनसे बात की। दंडोतिया ने दावा किया कि एसपी और कलेक्टर ने माना कि महाकाल मंदिर परिसर में बने सतीमाता के मंदिर को तोडऩे के दौरान प्रशासन से चूक हुई है। इससे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। इसके लिए दोषी के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है। सीएम शिवराज के पास भी संगठन ने इस मामले की जानकारी भेजी हैं। उनसे दोषी अफसर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का आग्रह किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन से कहा गया है कि मंदिर के अलावा महाकाल मंदिर क्षेत्र में आने वाली मस्जिदों की जमीन की जानकारी निकाली जाए। ताकि वहां के अतिक्रमण को हटाया जाए। महाकाल मंदिर मार्ग में अंडे और मांस की दुकानों को हटाने की मांग भी हिंदू समाज द्वारा की जा रही है। उनके संगठन भी प्रशासन से इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करने की मांग कर रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कहा कि जो गल्ती सती माता के मंदिर को हटाकर हुई है उसे सुधारने का उपाय बताया जाए। संगठन ने कहा कि संतों और धर्म के जानकारों के सुझाव पर प्राण प्रतिष्ठा की जाए। उन्होंने कहा कि सतीमाता के पुजारी ने प्रशासन के दबाव में बयान दिया है। पुजारी धर्म का जानकार नहीं होता है। उसका काम केवल पूजा करना होता है इसलिए उसकी बात का ज्यादा महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि संगठन के सामने इस तरह के बयान आने से संकट खड़ा हो जाता है। हिंदू संगठनों को ऐसे लोगों को जाग्रत करना होगा। इस दौरान विनोद शर्मा, सोहन विश्वकर्मा, महेश आंजना, महेश तिवारी आदि मौजूद थे।
अब कोई मंदिर नहीं टूटेगा
दंडोतिया ने कहा कि प्रशासन ने उन्हें आश्वस्त किया है कि अब कोई भी मंदिर संतों, समाज और संगठन के सदस्यों की कमेटी के बगैर सहमति के नहीं हटाया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी बनाए जाने का सुझाव दिया गया है। इसकी सलाह पर ही आगे महाकाल मंदिर का विकास कराए जाने का सुझाव दिया गया है। दंडोतिया ने कहा कि प्रशासन ने 155 हिंदू रहवासियों को धारा 11 के तहत नोटिस दिए थे, अब इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई नहीं की जाएगी। शिप्रा शु्द्धिकरण के मुद्दे पर भी प्रशासन से बात की गई है।