सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की उपेक्षा कर नियम बनाये तो सपाक्स संगठन करेगा उग्र आंदोलन

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सरकार को दी चेतावनी

उज्जैन, अग्निपथ। पदोन्नति में आरक्षण नियमों में अगर मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीमकोर्ट के एम नागराज और जनरेलसिंह सिंह प्रकरणों के निर्णय की उपेक्षा की तो प्रदेश का 64 प्रतिशत आबादी वाला सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक अधिकारी कर्मचारी संगठन और सपाक्स समाज तथा सपाक्स युवा संगठन मिलकर प्रदेश सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे और इस सरकार के खिलाफ कानूनी और सडक़ों की लड़ाई भी लड़ेंगे।

आज शाम 4 बजे उज्जैन जिले के सपाक्स अधिकारी कर्मचारी संगठन एसपाक्स समाज संगठन और सपाक्स युवा संग़ठन के सैकड़ों साथियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह को सौंपते हुए सरकार की तुष्टिकरण की नीति के प्रति गहरा आक्रोश जताया।

सपाक्स अधिकारी कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष अरविन्द सिंह चन्देल ने कलेक्टर को बताया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2006 में सुप्रीमकोर्ट के एक प्रकरण एम नागराज के फैसले को नजर अंदाज़ करते हुए एससी एसटी वर्ग के लिये पदोन्नति में आरक्षण के लिये जो गलत नियम बनाये थे उसे सपाक्स संगठन ने जबलपुर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिसमें वर्ष 2016 में जबलपुर उच्च न्यायालय ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में एससी एसटी वर्ग के कर्मचारियों के लिये लागू किये गये पदोन्नति में आरक्षण के गलत नियमों को खारिज कर दिया था और सरकार को यह निर्देश भी दिए थे कि एम नागराज के फैसले की अनदेखी कर जितने भी एससी एसटी वर्ग के अधिकारियों को नियम विरुद्ध पदोन्नत किया गया है उन्हें तत्काल पदावनत करके न्यायालय को सूचित किया जावे।

मध्यप्रदेश सरकार इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय गयी थी वहां भी मध्यप्रदेश सरकार को कोई राहत नहीं मिली और सर्वोच्च न्यायालय ने पुन: अभी अपने 28 जनवरी 2022 के आदेश में सरकार को पुन: यही निर्देश दिये हैं कि वह एससी एसटी वर्ग की कोई भी पदोन्नति पूर्व में दिए गए जरनैल सिंह और एमनागराज के प्रकरणों में दिए गए मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार ही करे, उससे हटकर बिल्कुल नहीं।

मध्यप्रदेश सरकार से सपाक्स अधिकारी कर्मचारी संग़ठन एसपाक्स समाज संग़ठन और सपाक्स युवा संग़ठन ने अपील की है कि वह सुप्रीमकोर्ट के फैसलों के अक्षरश: पालन करते हुए ही कोई भी निर्णय ले और अनावश्यक रूप से सपाक्स वर्ग की रोकी गयी पदोन्नति प्रकिया को तुरंत बहाल कर उच्च न्यायालय व सुप्रीमकोर्ट के फैसलों का सम्मान करें अन्यथा माई के लाल एक बार फिर मैदान में होंगे और सरकार की मनमानी के खिलाफ पुन: एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे।

ज्ञापन देने वालों में ये थे शामिल

आज ज्ञापन देने वालों में सपाक्स अधिकारी कर्मचारी संस्था के जिला अध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल, सपाक्स समाज अध्यक्ष निर्भय निर्दोष पाठक, युवा सपाक्स प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक सोनी, बीएमएस परिहार, अनिल मंडलोई, अशेक दुबे, अमितोज भार्गव, बजरंग तोमर, विवेक तिवारी, दीपक काले, मुन्नालाल पाठक, पीसी लोहनी, प्रतिमा खरे, हरिशंकर शर्मा, एम एल पाठक, देवेन्द्र सोलंकी, सुनील भट्ट, आर एस राठौर, सीएल चैहान, संगीता शर्मा, रविन्द्र लिकम, सुमेर सिंह यादव, रविन्द्र नागर, अरुण पड्या, नवीन शर्मा, गोपाल मेहता, यज्ञेश त्रिपाठी, के आरएस ठाकुर, आरएस राठौर, सीएस चौहान. अक्षय ठाकुर. राधेश्याम जोशी. प्रदीप पाठक. डा. वीके बरवे, खालिद अहमद मंसूरी, योगेन्द्र जोगलेकर, संगम हरसोले, संदीप पंडित, प्रीती चैहान सहित कई सपाक्सी मौजूद थे । जानकारी संस्था के मीडिया प्रभारी चन्द्रेश पुरोहित नें दी ।

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