अयोध्या। राम मंदिर के 1200 पिलर का निर्माण शुरू करने के लिए अब तकनीकी विशेषज्ञों की राय का इंतजार है, जो 15 दिसंबर तक ट्रस्ट को मिलेगी। मंदिर के प्रमुख आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा के मुताबिक रिपोर्ट मिलने के बाद अगर एलएंडटी ने मंदिर की नींव की डिजाइन मे कोई परिवर्तन नहीं किया तो 20 दिनों के अंदर पिलर्स का निर्माण शुरू हो जाएगा।
यह जानकारी निखिल सोमपुरा ने बातचीत के दौरान दी। उन्होंने बताया कि अगर विशेषज्ञों की रिपोर्ट के मुताबिक, नींव की डिजाइन में परिवर्तन किया गया तो उसी के हिसाब से हमें मंदिर की आर्किटेक्ट डिजाइन में भी परिवर्तन करना पड़ेगा। ऐसे में रिपोर्ट मिलने के बाद मंदिर के पिलर्स का निर्माण शुरू करने में एक माह का समय लग सकता है।
उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता मे हाल ही अयोध्या में संपन्न बैठक में केवल तकनीकी बिंदुओं पर ही चर्चा हुई। बैठक में निखिल सोमपुरा की कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर उनके छोटे भाई आशीष सोमपुरा भी शामिल हुए थे। मुख्य समस्या मंदिर स्थल के 200 फीट नीचे मिली बालू की लेयर को लेकर ही है जिसकी मजबूती को लेकर ही मंथन चल रहा है।
सोमपुरा की कम्पनी अब तक 100 मंदिरों का कर चुकी निर्माण
सोमपुरा ने बताया कि उनकी कंपनी 100 के करीब मंदिरों का निर्माण कर चुकी है। जिसमें नींव से लेकर मंदिर का शिखर तक बनाने का काम उन्हीं की कंपनी ने किया है। सभी मंदिरों की नींव के पिलर पत्थरों के ही बने हैं। लेकिन राम मंदिर की नींव की सतह पीली मिट्टी की न होकर रेत की मिली है जिसकी टेस्ट पाइलिंग पर, लोड टेस्टिंग पर काफी रिसर्च करनी पड़ रही है।
यह काम एलएंडटी, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज, आइआइटी रूड़की, चेन्नई की इंजीनियरिंग टीमें कर रही है। अब विशेषज्ञों की फाइनल रिपोर्ट का इंतजार है। क्योंकि मंदिर की मजबूती करीब 1 हजार साल तक बनी रहे, इसी के चलते नींव का काम एलएंडटी को सौंपी गई है। जिस पर तीन महीने से परीक्षण का काम कई स्तरों पर चलता रहा है।