थेटा डायग्नोस्टिक मनमर्जी से वसूल रहा मरीजों से रकम
झाबुआ, अग्निपथ। शासन द्वारा सांसद गुमानसिंह डामोर के प्रयासों के चलते जिला चिकित्सालय में सीटी स्केन मशीन स्थापित होकर काम करने भी लगी है। यह अंचल आदिवासी प्रधान जिला होकर यहां इसकी कमी के चलते प्रायवेट में स्थापित लेब पर या फिर गुजरात, इंदौर, रतलाम आदि स्थानों पर जाकर मरीजों की सीटी स्केन करवाना पड़ती थी।
जिला चिकित्सालय झाबुआ मे विगत माहों में कलेक्टर सोमेश मिश्रा के प्रयासों से यह मशीन इंस्टाल भी हो चुकी है। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में उक्त सीटी स्केनर मशीर को स्थापित किया गया है। स्वयं कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने बार बार जाकर इसकी व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया एवं मार्गदर्शन भी दिया गया।
उक्त सीटी स्केन मशीन का संचालन आगामी 7 बरसों के लिये थीटा लैब्स प्रायवेट लिमिटेड द्वारा किया जारहा है । 32 स्लाइस की क्षमता वाली मशीन से एक सीटी स्कैन का शुल्क 693 रुपए रखा गया था जो निजी लैब में हो रहे सीटी स्कैन के शुल्क रुपये 2500 से 1807 रुपए कम होगा। किन्तु झाबुआ में थेटा डायग्नोसिस्ट सेंटर के नाम से स्थापित इस सीटी स्केन में इन दिनों मरीजों से 2000 के मान से रकम वसुली जारही है।
चूंकि यह मशीन नीजि तौर पर थेटा कंपनी द्वारा 7 साल के करार पर चलाई जारही है, प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवायें ’’ नो प्रॉफीट नो लॉस के सिद्धांत पर चलाये जाने के निनर्देश के बाद भी जिला चिकित्सालय में सीटी स्केन के लिये इस तरह मोटी रकम के वसूले जाने के कारण आदिवासी अंचल के गरीब ग्रामीणों का आर्थिक शोषण बदस्तुर जारी होना समझ से परे है।
जब जिला चिकित्सालय में सीटी स्केन सेंटर प्रारंभ हुआ तो लग रहा था कि यह जिले के लिए ये एक बड़ी सौगात होगी। किन्तु इस आशा पर भी पानी फिरता नजर आरहा है। मजबुरन गा्रमीण अंचलों के मरीजों को मेघनगर के जीवन ज्योति अस्पताल के अलावा दाहोद, बड़ौदा या रतलाम जाना पड़ रहा है। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में यहां मशीन के लिए पहले से तय जगह रखी हुई थी।
अक्सर दुर्घटना में घायल लोग या गंभीर चोट के अलावा गंभीर रूप से बीमार लोगों को सीटी स्कैन की जरूरत होती है। इसलिये झाबुआ में इस मशीन की उपयोगिता सर्वाधिक माना जारही थी। चूंकि तय रकम 693 रूपये ही लेना चाहिये किन्तु यहां अब तो 2-2 हजार तक की रसीदे दी जा रही है। प्रशासन के निर्देशों को कुडे दान में डाल कर मनमर्जी से रकम वसुलने वालो के विरुद्ध प्रशासन कोई काय्रवाही करेगा इसे लेकर लोगों ने मांग की है।
ये होता है सीटी स्कैन
इसे कम्प्यूटेड टोमोग्राफी कहा जाता है। ये मेडिकल इमेजिंग तकनीक है। ये शरीर के बीमारी वाले हिस्से के कई सारे लंबवत चित्र थोड़ी-थोड़ी दूरी से लेता है। इन्हें मिलाकर 3डी इमेज बनती है। इसे टोमोग्राफी कहा जाता है। शहरी के अंदरूनी हिस्सों की जानकारी मिल जाती है। इसमें विकिरण भी होता है। इसलिए डॉक्टर बहुत अधिक जरूरत होने पर इसकी सलाह देते हैं।