मान्यता नवीनीकरण की तारीख बढ़ाने सहित 6 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन जिले के अशासकीय स्कूलों के नवीनीकरण में आ रही दिक्कतों, नि:शुल्क शिक्षा की राशि नहीं मिल पाने जैसे मुद्दो को लेकर मंगलवार को जिले के 500 से ज्यादा स्कूल संचालकों और प्रतिनिधियों ने जिला शिक्षा अधिकारी को मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। 6 सूत्रीय इस ज्ञापन को देने के लिए अशासकीय स्कूल संचालकों की जिले की दोनों ही एसोसिएशन के पदाधिकारी एक साथ मौजूद थे।
मंगलवार शाम जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा को संभागीय अशासकीय शाला संगठन के अध्यक्ष एस.एन. शर्मा और अशाकीय शाला प्रतिनिधि संगठन के शहर अध्यक्ष जितेंद्र शिंदे के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन देने के लिए 100 से ज्यादा अशासकीय स्कूलों के प्रतिनिधि पहुंचे थे। इन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर नारेबाजी भी की। जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने इन्हें भरोसा दिलाया कि दोनों ही संगठनों की मांगो को राज्यशासन तक पहुंचाकर इन्हें हल कराने में मदद करेंगे।
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से शिवनारायण शर्मा, दिनेश राज, सुभाष त्रिपाठी, सुशील पटेल, सुशील भदौरिया, बी.एल. मारोठिया, शेलेंद्र पाल, परमानंद शर्मा, प्रकाश जांगड़े, पंकज भटनागर, विक्रांत शर्मा, संजय पुरोहित, महेश व्यास, बलवंत सिंह राठौर, जितेंद्र निगम, मनीष रावल, भारत सिंह चौधरी, पी.सी. खींची, उदयन पारिख, राजेश तिवारी, राजेंद्र शर्मा, अख्तर भाई आदी मौजूद थे।
अशासकीय स्कूल वालों की प्रमुख मांगे
- स्कूलों के मान्यता आवेदन के लिए 15 जनवरी से 10 फरवरी तक की समय सीमा निर्धारित थी, इस अवधि में कई बार पोर्टल ही नहीं खुला, कई स्कूल वाले आवेदन ही नहीं पाए लिहाजा अवधि को 28 फरवरी तक बढ़ाया जाए।
- नि:शुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम की राशि स्कूलों को 2 से 3 वर्षो में दी जाती है। कोरोना काल में आर्थिक तंगी से गुजर रहे स्कूलों का नवीन मान्यता शुल्क 3 वर्षो तक माफ किया जाए।
- नि:शुल्क शिक्षा अधिनियम के तहत नवीनीकरण आवेदन में चेक लिस्ट तैयार करने में ही 4 से 5 हजार रूपए खर्च हो रहे है, सिर्फ आवेदन के आधार पर ही 5 वर्षो तक नवीनीकरण किया जाए।
- नि:शुल्क शिक्षा सत्र की 20-21 व 21-22 के आधार पर वेरिफिकेशन पूर्व की तरह दी जाए व स्कूलों को दिए जाने वाले शुल्क की राशि बढ़ाई जाए।
- शिक्षण शुल्क में नियमानुसार 10 प्रतिशत राशि को बढ़ाने के आदेश जारी किए जाए।
- हाईस्कूल, हायर सेकेंडरी मान्यता हेतु रजिस्टर्ड किरायानामा व जमीन की बाध्यता समाप्त की जाए।