टेंडर शर्तों के ख्रिलाफ दोपहिया वाहन के ले रहा था 5 की जगह 10 रुपए, चेक बाउंस का भी है आरोपी
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल का अवैध वसूली करने वाला सायकल स्टैंड का संचालनक अस्पताल प्रशासन द्वारा गुरुवार को बंद करा दिया गया। सायकल स्टैंड संचालक परेशान मरीजों के परिजनों से अवैध वसूली कर रहा था। अस्पताल कमेटी को दैनिक अग्निपथ की समाचार की कटिंग के साथ शिकायत करने के बाद यह फैसला लिया गया। वहीं चेक बाउंस का मामला भी कलेक्टर के पास पहुंचा था।
भोपाल के पंकज शर्मा को दो साल के लिए सायकल स्टैंड का ठेका दिया गया था। लेकिन इसने टेंडर शर्तों में निर्धारित पार्किंग स्टैंड शुल्क से अधिक वसूलना मरीजों के परिजनों से शुरू कर दिया था।
दैनिक अग्रिपथ ने अपने 8 फरवरी के अंक में …जिला अस्पताल के सायकल स्टैंड पर पार्किंग शुल्क के 5 की जगह ले रहे 10 रुपए…शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसमें बताया गया था कि जिला अस्पताल में आने वाले दोपहिया वाहन चालकों से 5 की जगह 10 रुपए पार्किंग शुल्क लिया जा रहा है।
वहीं चारपहिया वाहन चालकों से 10 की जगह 20 रुपए लिए जा रहे हैं। बकायदा मरीजों के परिजनों को जो पर्ची दी जा रही है। उसमें बढ़ाई गया पार्किंग शुल्क लिखा हुआ है। ठेकेदार को इस बात का भी खौफ नहीं है कि अस्पताल प्रशासन द्वारा उस पर कार्रवाई की जा सकती है। मरीजों के परिजनों द्वारा शिकायत नहीं करने का फायदा भी स्टैंड संचालक उठा रहा है। बुधवार को शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत दैनिक अग्निपथ की प्रति के साथ की थी। जिस पर कार्रवाई की गई है।
अस्पताल प्रबंधन की नाक के नीचे गौरखधंधा
स्टैंड संचालक की बेखौफी तो देखिए…सबके सामने अवैध पर्ची पर पार्किंग शुल्क गलत डालकर मरीज के परिजनों को रसीद भी थमाई जा रही थी। उसको इस बात का भी खौफ नहीं था कि कोई उसकी शिकायत कर सकता है। इसके द्वारा टेंडर नियमों को भी दरकिनार किया जा रहा था।
नियमानुसार स्टैंड संचालक द्वारा ठेका लिए जाने के बाद पार्किंग शुल्क बोर्ड लगाया जाना चाहिए। ताकि शुल्क देने वाले को भी पता रहे कि वह सही शुल्क चुका रहा है। लेकिन इसके द्वारा पार्किंग शुल्क का बोर्ड तक नहीं लगाया गया था ताकि किसी को उसके गौरखधंधे की जानकारी नहीं लग सके।
अर्नेस्ट मनी का चेक भी हो चुका बाउंस
जानकारी में आया है कि टेंडर लेते समय जो अर्नेस्ट मनी का चेक उसने अस्पताल प्रशासन को दिया था। वह भी बाउंस हो गया है। इसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन ने कलेक्टर आशीषसिंह को की है। मामले को लेकर भी कार्रवाई हो सकती है।
इनका कहना है
मैं चार दिन से उज्जैन से बाहर हूं। स्टैंड संचालक की चेक बाउंस की भी शिकायत है। – डॉ. पीएन वर्मा, सिविल सर्जन