उज्जैन, अग्निपथ। प्राचीन धरोहर सप्तसागर को सहेजने और संरक्षित रखने की रामादल अखाड़ा परिषद की मुहीम रंग लाई है। गोवर्धन सागर पर 27 जनवरी से आरंभ हुए श्रमदान अभियान के बाद सफाई का काम शुक्रवार को समाप्त हो जाएगा।
शनिवार को गोवर्धन सागर के तट पर सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा। इसके साथ ही साधु-संत नौका विहार कर अंकपात मार्ग से सामने की ओर नगरकोट माता मंदिर में चुनरी अर्पित करने जाएंगे।
रामादल अखाड़ा परिषद की अगुवाई में 21 जनवरी से गोवर्धन सागर को संरक्षित करने की मुहीम शुरू हुई थी। यह मुहीम अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। शुक्रवार शाम तक की स्थिति में गोवर्धन सागर में महज 5 से 10 प्रतिशत ही गाद और घांस शेष रह गई है। शुक्रवार शाम तक इसे भी साफ कर दिया जाएगा।
गोवर्धन सागर में अब जल ही जल दिखाई दे रहा है। रामादल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डा. रामेश्वरदास ने बताया कि गोवर्धन सागर के विकास के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी ने अपनी कार्ययोजना तैयार की हुई है। सरोवर के विकास के लिए 13 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट बना हुआ है। परिस्थितियां अनुकूल होने के बाद प्रशासन यहां आगे के विकास कार्य करेगा।
महंत डा. रामेश्वरदास ने बताया कि संत समाज ने गोवर्धन सागर में 50 साल से अधिक समय से जमी गंदगी को साफ करने का बीड़ा उठाया था, यह काम अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस कार्य में शहर के आमजनों, जनप्रतिनिधियों के अलावा इंटरनेशनल वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी और देवास-बदनावर फोरलेन का निर्माण करने वाली कंपनी के मैनेजमेंट का सहयोग सराहनीय रहा।
इन दोनों ही कंपनियों ने जनसहयोग के अभियान में जुडक़र अपने संसाधन और कर्मचारी मुहैया कराए, जिससे सफाई का काम तेज गति से हो सका।
हाईकोर्ट में एक सप्ताह टली सुनवाई
गोवर्धन सागर की 36 बीघा 18 बिस्वा जमीन पर भानुशाली गृह निर्माण संस्था स्वामित्व का दावा कर रही है। सर्वे नंबर 1281 के बटांकन को एक ही सर्वे नंबर में मर्ज करने और बटांकन में दर्ज हुए अलग-अलग नामो को हटाकर मूल मिल्कियत सरकार कर देने के एडीएम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भानुशाली गृह निर्माण संस्था ने 23 जनवरी 2021 को हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी।
एक साल से हाइकोर्ट में प्रचलित इस प्रकरण में शुक्रवार को हाइकोर्ट न्यायाधीश श्री विजयकुमार शुक्ला के समक्ष सुनवाई हुई। नगर निगम की ओर से एड्वोकेट ऋषि तिवारी, राज्यशासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव और इंटरविनर के तौर पर एडवोकेट धर्मेंद्र शर्मा ने पैरवी की।
भानुशाली गृह निर्माण संस्था की ओर से एडवोकेट वीर कुमार जैन संस्था का पक्ष रखने पहुंचे थे। संस्था की ओर से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा गया था। कोर्ट ने उन्हें एक सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब 18 फरवरी को होगी।