उज्जैन, अग्निपथ। इंदौर रोड़ पर नानाखेड़ा के नजदीक देशमुख अस्पताल भवन की गुरुवार को नपती के लिए नगर निगम के कार्यपालन यंत्री लीलाधर दोराया और उनकी टीम पहुंची। अस्पताल प्रबंधन द्वारा सौंपे गए भवन के स्वीकृत नक्शे और मौके पर हुए निर्माण का मिलान किया गया। शुक्रवार को फिर से इसी भवन की दोबारा नपती कर अवैध निर्माण की वास्तविक स्थिति साफ होगी।
नगर निगम के कार्यपालन यंत्री लीलाधर दोराया ने बताया कि देशमुख अस्पताल संचालक से नगर निगम द्वारा स्वीकृत भवन अनुज्ञा की प्रति मांगी गई थी। स्वीकृत भवन अनुज्ञा और मौके पर हुए निर्माण को जांचने के बाद अब अगली प्रक्रिया के रूप में यह तय किया जाएगा कि अवैध निर्माण पर कंपाउंडिंग हो सकती है या इसे तोडऩा पड़ेगा।
शासन के नियमानुसार 30 प्रतिशत तक अवैध निर्माण को कंपाउंडिंग राशि जमा कर नगर निगम रेग्युलर कर सकती है, यदि इससे ज्यादा निर्माण पाया गया तो उसे तोडऩा ही पड़ेगा।
राजस्व विभाग ने निकाली सरकारी जमीन
देशमुख अस्पताल भवन जिस जमीन पर बना है, वहां 4500 वर्गफिट शासकीय चरनोई की जमीन निकली है। पिछले दिनों एक शिकायत के बाद राजस्व निरीक्षक और पटवारी द्वारा की गई जमीन की नपती में अस्पताल के कब्जे में शासकीय भूमी निकलने के बाद राजस्व विभाग के स्तर पर एक कार्यवाही अलग से प्रचलित है।