उज्जैन, अग्निपथ। अंकपात मार्ग स्थित सप्त सरोवरों में चतुर्थ गोवर्धन सागर की सफाई का काम शुक्रवार शाम को पूर्ण हो गया है। शनिवार को यहां विभिन्न धार्मिक आयोजनों के साथ श्रमदान की पूर्णाहुति होगी। सैकड़ो की संख्या में महिलाओं द्वारा गोवर्धन सागर का पूजन करवाया जाएगा।
रामादल अखाड़ा परिषद ने 21 जनवरी से सप्तसागर के सरंक्षण के लिए धरना आरंभ किया था। 27 जनवरी से गोवर्धन सागर की सफाई के लिए श्रमदान अभियान की शुरूआत की गई थी। 16 दिन तक सतत् चले श्रमदान के बाद अब गोवर्धन सागर पूरी तरह से जलकुंभी और काई से मुक्त हो गया है। रामादल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डा. रामेश्वरदास ने बताया कि पुरुषोत्तम मास में सप्तसागरों के पूजन का विधान है।
गोवर्धन सागर पर विगत कई वर्षो में महिलाएं घास और जलकुंभी की वजह से सरोवर के जल का पूजन नहीं कर सकी थी। गोवर्धन सागर अब पहले से बेहतर स्थिति में आ गया है लिहाजा शनिवार की दोपहर यहां प्रतिकात्मक रूप से सैकड़ो महिलाओं द्वारा गोवर्धन सागर का पूजन करवाया जाएगा। शनिवार दोपहर 12 से 2.30 बजे तक गोवर्धन सागर तट पर सुंदरकांड का पाठ होगा। दोपहर 2.30 बजे से 4 बजे तक पूजन-अर्चन किया जाएगा।
शाम 4 बजे साधु-संत व अतिथिगण नाव से विहार करते हुए अंकपात मार्ग से नगरकोट माता मंदिर तक जाएंगे। यहां नगर कोट माता को चुनरी अर्पित की जाएगी। शाम 5 बजे गोवर्धन सागर तट पर श्रमदान में सहभागी बने श्रमिकों, कार्यकर्ताओं का संत समाज की ओर से स्वागत सम्मान किया जाएगा।
आयोजन में उच्चशिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव, उज्जैन उत्तर क्षेत्र के विधायक श्री पारस जैन सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। गोवर्धन सागर विकास समिति के सदस्य कमल कौशल, ओम अग्रवाल व सुनील जैन ने शहर के धर्मावलंबियों से अपील की है कि वे गोवर्धन सागर पूजन के कार्यक्रम में सम्मिलित होकर कार्यक्रम को सफल बनाएं।
सागर को अर्पित होगा माखन मिश्री का भोग
गोवर्धन सागर विकास समिति के सदस्य और तीर्थ पुरोहित प. राजेश त्रिवेदी ने बताया कि पुरुषोत्तम मास में गोवर्धन सागर पर माखन-मिश्री का भोग अर्पित करने का विधान है। शनिवार दोपहर होने वाले सरोवर पूजन में जो महिलाएं शामिल होना चाहती है वे अपने अपने साथ लाल कपड़ा, गेंहू, माखन-मिश्री, चांदी या स्टील का पात्र और भगवान गोवर्धन नाथ जी के वस्त्र सामग्री के रूप में साथ लाए। अन्य पूजन सामग्री गोवर्धन सागर तट पर ही उपलब्ध होगी।