कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों को अटेंड नहीं करने पर की कड़ी कार्यवाही
उज्जैन, अग्निपथ। कलेक्टर आशीष सिंह ने आज राजस्व अधिकारियों की बैठक में राजस्व विभाग से सम्बन्धित सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया गया कि तहसीलदार तराना द्वारा पांच शिकायतों समय पर अटेंड नहीं करने पर उच्च स्तर पर जम्प कर गई।
इसी तरह एल-2 लेवल पर एसडीएम महिदपुर द्वारा शिकायत समय पर अटेंड नहीं करने के कारण शिकायत लेवल-3 पर जम्प कर गई। कलेक्टर ने उक्त दोनों मामलों को गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार तराना का एक माह का वेतन एवं एसडीएम महिदपुर का सात दिन का वेतन काटने के निर्देश दिये हैं।
कलेक्टर ने कहा है कि किसी भी राजस्व अधिकारी द्वारा कोई भी शिकायत नॉन-अटेंडेंट नहीं रहना चाहिये। बैठक में अपर कलेक्टर अवि प्रसाद, एडीएम संतोष टैगोर एवं जिले के सभी एसडीएम व तहसीलदार मौजूद थे।
कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों से कहा है कि वे सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों का निराकरण समय पर एवं संतुष्टिपूर्वक करें। कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री निरन्तर सीएम हेलपलाइन की समीक्षा करते हैं एवं जिले की रैंकिंग नीचे आने पर कलेक्टर को जवाब देना होता है। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में एक भी शिकायत एल-1 से एल-2 पर जम्प नहीं होना चाहिये। उन्होंने सभी अधिकारियों से वर्क कल्चर में बदलाव लाने के लिये कहते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कार्यालय पहुंचने के बाद शुरूआत में आधा घंटा सीएम हेल्पलाइन पर कार्य करें।
बैठक में बताया गया कि जिले में राजस्व विभाग से सम्बन्धित कुल 686 शिकायतें विभिन्न स्तरों पर लम्बित हैं। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन आफिशियल एप इंस्टॉल करने के निर्देश दिये हैं।कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान सभी तहसीलदार एवं एसडीएम को निर्देशित किया है कि वे आरसीएमएस पोर्टल का निरन्तर अवलोकन करें एवं सीमांकन एवं अविवादित बंटवारा का कोई भी प्रकरण छह माह से अधिक समय तक पेंडिंग न रहे, यह सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने मशीनों से सीमांकन करने तथा कुछ पटवारियों को राजस्व निरीक्षक का प्रभार सौंपने के निर्देश दिये हैं, जिससे ?कि सीमांकन के प्रकरणों में तेजी लाई जा सके। कलेकटर ने कहा है कि बंटवारा के जो भी प्रकरण छह महीने से अधिक हो चुके हैं, उनकी अन्तिम पेशी लगाकर उनका निराकरण किया जाये।
बैठक में कलेक्टर ने राजस्व वसूली की समीक्षा की तथा निर्देश दिये कि राजस्व वसूली में सख्ती से वसूली की जाये तथा बकायादारों की चल-अचल सम्पत्तियों को अटैच करके वसूली का कार्य किया जाये।