महाकाल मंदिर के सेवकों को देना होगी संपत्ति की जानकारी

महाकालेश्वर मंदिर

प्रशासनिक कार्यालय नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया आदेश, कर्मचारियों में हडक़ंप

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में कुछ भ्रष्ट सेवकों के कारण अन्य ईमानदार सेवक भी शंका के घेरे में आ रहे हैं। वर्षों से आर्थिक दोहन करते आ रहे अच्छे मंदिर सेवकों के साथ ही इन भ्रष्टों की चल अचल संपत्ति की जानकारी अब मंदिर प्रशासन द्वारा तलब की गई है। इससे मंदिर सेवकों में हडक़ंप मचा हुआ है।

मंदिर प्रशासन द्वारा प्रशासनिक कार्यालय पर एक नोटिस चस्पा किया गया है। जिसमें मंदिर सेवकों को 1 जनवरी 2022 तक की चल अचल संपत्ति की जानकारी देना है। इसके साथ ही सेवक की योग्यता, मंदिर में कब से पदस्थ है और कौन से पद पर उसकी भर्ती हुई है। इस बात की जानकारी भी मंदिर प्रशासन द्वारा मांगी गई है।

इस प्रकार की जानकारी मांगने के चलते उन सेवकों में हडक़ंप की स्थिति है। जिन्होंने वर्षों से महाकालेश्वर मंदिर में रहकर दो नंबर के तरीके से संपत्ति बनाई है। बताया जाता है कि मंदिर के मुख्य द्वारों, सत्कार शाखा, गर्भगृह, नंदीहाल, चांदीगेट, जलद्वार सहित अन्य जगहों पर पदस्थ सेवकों द्वारा नित नए तरीके से आर्थिक कमाई की जाती रही है। जिसके चलते इसकी शिकायत भी कई बार मंदिर प्रशासन को हुई है।

अब मंदिर प्रशासन द्वारा जानकारी मांगे जाने से किन स्रोतों से आय से अधिक संपत्ति अर्जित की गई है। इस बात की जानकारी मंदिर प्रशासन को देना होगी। लेकिन ऐसे ईमानदार सेवक जिन्होंने भगवान महाकाल के नाम पर आर्थिक कमाई नहीं की है। उनकी पेशानियों पर भी बल पड़ गए हैं।

आलीशान मकान, ब्याज पर भी चल रहे हैं पैसे

वर्षों से मंदिर के कई सेवक ब्याज पर भी पैसे चला रहे हैं। इस बात की जानकारी मंदिर के सभी सेवकों को भी है। अक्सर कर्मचारी आपदा आने पर मंदिर प्रबंध समिति का कोई फंड नहीं होने के चलते इन ब्याज बट्टे वालों के चक्कर में पड़ जाते हैं और बाहर नहीं निकल पाते।

सैलरी मिलने वाले दिन इनसे वसूली कर ली जाती है। वहीं मंदिर से दो नंबर की कमाई करने वाले कई सेवकों के पास दो से तीन आलीशान मकान, दो-तीन कारें सहित दैनिक उपभोग में आने वाली लक्झरी सुविधाएं भी मौजूद हैं।

सैलरी पर पड़ सकता है असर

आगामी दिनों में मंदिर सेवकों की वेतन वृद्धि का मुद्दा महाकालेश्वर मंदिर की समिति की होने वाली बजट बैठक में रखा जाएगा। जिसमें स्वीकृति मिलने पर सेवकों की सैलरी बढ़ाई जाएगी। जो कि 7 से 10 प्रतिशत तक हो सकती है। लेकिन आय से अधिक चल अचल संपत्ति की जानकारी मिलने के बाद संभवत ऐसे सेवकों की सैलरी रोकी भी जा सकती है और अन्य कानूनी कार्रवाई भी कराई जा सकती है।

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