नगर निगम के अफसरों के पास इन दिनों सिर्फ एक ही काम है। सुबह की सैर के साथ सफाई व्यवस्था के हाल जानना और सफाई कर्मचारियों को हिदायतें देना। यह सब होना अच्छी बात है, लेकिन सफाई व्यवस्था के अलावा अन्य व्यवस्थाओं पर ध्यान देना भी जरूरी है। इन दिनों सबसे बड़ी परेशानी तो स्मार्ट सिटी के कामकाजों ने खड़ी कर रखी है। टाटा कंपनी की मनमानी कई लोगों के लिए जान पर बन आई है। आगर रोड से मोहन नगर होते हुए फल मंडी तक जाने वाला मार्ग शुक्रवार को काफी खतरनाक स्थिति में था। यहां टाटा कंपनी ने पाइप लाइन डालने के लिए सडक़ खोदी थी। बाद में सडक़ को मिट्टी से बंद कर दी और आसपास का मिट्टी का मलबा पूरी तरह साफ नहीं किया। नतीजतन बारिश होते ही यह मार्ग खतरनाक हो गया और पचासों टू-व्हीलर यहां फिसले और लोग घायल हुए। करीब पंद्रह दिन के भीतर ही नगर निगम के आला अधिकारियों की टीम ने क्षेत्र का दौरा भी किया था और गलियों में रखे ऐसे सामान को अतिक्रमण बताकर मार्ग साफ करने की हिदायत दे गए, जो यातायात में कहीं भी बाधक नहीं लेकिन टाटा कंपनी की करतूतों पर नजर नहीं दौड़ाई, जो मुख्य मार्ग पर खतरनाक बनाकर छोड़ गई।