चामला नदी में जुगाड़ की नाव पलटी, सभी सवार सुरक्षित

बडऩगर, अग्निपथ। नगर से दूर ग्राम सारोला स्थित चामला नदी में खाली ड्रम से बनी नाव नुमा जुगाड़ के पलट जाने से उसमें सवार सभी लोग पानी में डूबने लगे। यह तो गनीमत रही की जुगाड़ की नाव में सवार कुछ लोग तैरना जानते थे जिनकी तथा किनारे पर खड़े कुछ लोगों की मदद से सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया है। जिससे किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई।

घटना की खबर पाते ही अनुविभागीय अधिकारी डॉ. योगेश भरसट के निर्देश पर प्रशासनिक अमले के रूप में नायब तहसीलदार जीवनलाल मोघी, राजस्व निरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह पंवार आदि घटना स्थल पहुंचे जहां पंचनामा रिपोर्ट बनाकर घटना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है।

ज्यादा सवार लोगों के कारण हादसा

बताया जाता है कि ग्राम के शभुसिंह के यहां वैवाहिक कार्यक्रम था। सुबह 10.30 बजे ये सभी लोग शामिल होने के लिए नदी पार कर जा रहे थे कि जुगाड़ की नाव में ज्यादा सवार लोगों के कारण संतुलन बिगड़ जाने से जुगाड़ की नाव एक ओर हो गई जिससे जुगाड़ की नाव में सवार एक महिला व तीन बच्चों सहित सभी लोग पानी में डूबने लगे, जिससे अफरातफरी मच गई।

होते रहे हैं हादसे-पूर्व विधायक भी बचे थे

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम के कुछ लोगों का निवास नदी के एक ओर है, वहीं कृषि भूमि दूसरी ओर तथा अन्य कारणों के चलते नदी के इस पार से उस पार तक आने-जाने के लिए ग्रामवासियों की सहायता से चार ड्रम पर जाली रख कर नाव नुमा जुगाड़ बना रखा है, जिससे प्रतिदिन जरूरतमंद लोग आवागमन करते है। ऐसे में पूर्व में भी हादसे होते रहे है। कुछ वर्ष पूर्व एक पूर्व विधायक भी ऐसे ही हादसे का शिकार होते-होते बचे थे। जिन्होंने जुगाड़ का संतुलन बिगड़ते देख स्वयं पानी में छलांग लगा दी थी जिससे जुगाड़ की नाव पलटी नही व उसमें सवार लोग सुरक्षित रहे। ऐसे में ही एक अन्य हादसे में एक महिला कमलाबाई की यहां मौत भी हो चुकी है। आज हुए हादसे में जुगाड़ की नाव में सवार महिला उसी कमलाबाई की ननद है।

पुलिया की मांग- जारी है आवागमन

जरूरतमंद ग्रामवासी जिन्हें प्रतिदिन अपने काम से इधर से उधर आवागमन करना पड़ता हैं उनके द्वारा समस्या के निराकरण हेतु पुलिया बनाने की मांग वर्षों से शासन-प्रशासन के नुमांईंदों से की जा रही है किन्तु अभी तक कोई ठोस निदान सामने नहीं आया है। जिसके चलते लोग जान जोखिम में डालकर खतरे से खेलकर प्रतिदिन आवागमन करना पड़ता है। आज भी यहीं हुआ घटना होने के बाद भी लोगों का आवागमन इसी जुगाड़ से होता रहा। यहां तक की नायाब तहसीलदार मोघी व आरआई धर्मेन्द्र भी इसी जुगाड़ में सवार होकर पहुंचे व जानकारी जुटाई।

एक महिला, तीन बच्चों सहित छ: पुरुष थे सवार

ग्राम सारोला वाले नदी के छोर से सामने वाले छोर पर जाने के लिए जुगाड़ की नाव में शंकरलाल पिता भेराजी प्रजापत 52 वर्ष, हर्ष पिता प्रकाश प्रजापत 7 वर्ष, भानुप्रताप पिता नरेंद्र सिंह 12 वर्ष, कान्हा पिता भरतलाल 15 वर्ष, मोहनबाई पति हेमसिंह 55 वर्ष, गिरधारी पिता ब्रजलाल चौधरी 45 वर्ष , मोहित पिता प्रह्लाद चौधरी 7 वर्ष, दलवीर सिंह पिता लक्ष्मण सिंह राजपूत 25 वर्ष, समंदर सिंह पिता देवीसिंह राजपूत 55 वर्ष, लालसिंह पिता विक्रमसिंह राजपूत 35 वर्ष सवार थे। एक बच्चे सहित कुछ लोग तैैैैरना भी जानते थे। धर्म राज पिता बाबूलाल माली 40 वर्ष, दिनेश पिता चुन्नीलाल 35 वर्ष, चुन्नीलाल पिता थावर 55 वर्ष, शंकरलाल, लालसिंह, धर्मराज, बबलू व एक बालक जो तैैरना जानता था व अन्य के सहयोग से सभी को नदी के पानी में डूबने से सुरक्षित बाहर निकाला जा सका।

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