पीएचई का रिकार्ड दुरूस्त करने के लिए नगर निगम की कवायद
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन शहर में 70 हजार से ज्यादा घरों में नल कनेक्शन है, इनमें बड़ी संख्या ऐसे कनेक्शन की भी है जो 60 से 70 साल पहले जिस शख्स के नाम से लिए गए थे, आज तक उन्हीं के नाम से बिल निकल रहा है। दादाजी दिवगंत हो गए, पोते भी पिता बन गए लेकिन बिल अब तक दादाजी के नाम से ही जारी हो रहा है। अपने रिकार्ड को दुरूस्त करने के लिए अब पीएचई का नया प्रस्ताव तैयार हुआ है। इसे स्वीकृति के लिए संभागायुक्त सह प्रशासक के पास भेजा गया है।
पीएचई के नल कनेक्शन के नाम परिवर्तित या नामांतरित करने की वर्तमान में कोई नीति नहीं बनी हुई है। पुराने नाम से बिल जारी होने की वजह से बिल वितरण वाले कर्मचारियों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कहीं मकान मालिक बदल गए, कहीं मकान नंबर बदल गए, कहीं-कहीं तो स्थिति ऐसी है कि मकान अस्तित्व में ही नहीं है और रिकार्ड पर उसका नल कनेक्शन चालू हालत में दर्शाया गया है।
विधि विभाग से इस समस्या का निदान करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर संभागायुक्त सह नगर निगम प्रशासक संदीप यादव के पास भेजा गया है। संभागायुक्त की मंजूरी मिलने के बाद न केवल पीएचई का रिकार्ड अपडेट हो जाएगा बल्कि इससे नगर निगम की आय में भी इजाफा होगा। इसके अलावा आने वाले सालों में सालाना संपत्तिकर के साथ ही नल कनेक्शन का बकाया भी जमा कराया जा सकेगा।