कुशीनगर की बहादुर बेटी सेना में सिलेक्शन की कर रही थी तैयारी
कुशीनगर। जिले के नौरंगिया गांव में हुए कुआं हादसे में मरने वाली 13 महिलाओं में 21 साल की पूजा यादव भी शामिल हैं। बहादुर बिटिया अब नहीं रही, लेकिन रात के दर्दनाक हादसे के दौरान दिखाई गई उसकी हिम्मत की चर्चा हर ओर हो रही है। वह सेना भर्ती की तैयारी कर रही थी। क्या हुआ जो सिलेक्शन से पहले जिंदगी की जंग हार गई, लेकिन उसने जो बहादुरी दिखाई, उससे पांच लोगों की जान बची, जिनमें दो बच्चे भी हैं।
अंधेरे में हुए हादसे में डूबने वालों में पूजा के साथ उसकी मां भी थी। उसने पहले अपनी मां को बचाया। इसके बाद एक-एक कर 5 अन्य लोगों को बचाकर बाहर भेजा। छठे की जान बचाते वक्त वह खुद कुएं में डूब गई। आर्मी मैन पिता बलवंत यादव को बेटी की शादी की चिंता थी। न तो सिलेक्शन हुआ और न ही शादी हो सकी। अब उसका अंतिम संस्कार करने की तैयारी की जा रही है।
छठे की जान बचाते समय खोया संतुलन और खुद पानी में समा गई
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पूजा पर सभी को बचाने की धुन सवार थी। रोते-बिलखते लोग पूजा का हौसला याद कर उसका ही नाम ले रहे हैं। उन्होंने कहा, पूजा ने जब 5 लोगों को बचाया तो लोगों की आस जाग उठी। पूजा छठी जान बचा रही थी, तभी उसने अपना संतुलन भी खो दिया और खुद भी पानी में समा गई।
पूजा के ऊपर 12 लोग, चिल्ला रहे थे इसका हाथ पकड़ो
जर्जर कुएं का स्लैब 13 लोगों के लिए यमराज बना। अंधेरी रात और गहरे कुएं में गिरे लोगों की आवाज भी गांव के दूसरे लोगों तक नहीं पहुंच रही थी। ऐसे में पूजा के साथ दूसरी महिलाएं लगातार चिल्लाने लगीं। रात के सन्नाटे में लगातार चिल्लाने से आवाज दूसरे लोगों तक नहीं पहुंची। इसके बाद वहां भीड़ जमा हो गई।
पूजा की आवाज सुनकर वहां विपिन ने दौड़ लगाई। उसकी सहायता से पांच लोगों को बचाया। हर बार पूजा खुद को बाहर निकालने की जगह, लोगों से कहती थी। इसे पकड़ो, इसका हाथ पकड़ो, बच्चों को ऊपर निकालो।
पिता की तरह पूरा परिवार आर्मी और पुलिस में होना चाहता था भर्ती
तहसीलदार शाही महाविद्यालय सिन्हा में पूजा BA द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। उसके दो जुड़वां भाई आदित्य और उत्कर्ष हैं। पिता बलवंत यादव दिल्ली में पोस्टेड हैं, जबकि जुड़वा भाई क्लास नौ में पढ़ाई कर रहे हैं। पूरा परिवार शिक्षित है। पूजा खुद की तरह ही अपने भाइयों को भी पिता की तरह सेना और पुलिस में भर्ती कराना चाहती थी।