तीन साल की कार्ययोजना पर होगा विचार
उज्जैन, अग्निपथ। आरएसएस के 80 प्रतिनिधियों के साथ सरसंघचालक भागवत की बैठक उज्जैन में शुरू हो गई है। तीन साल की कार्ययोजना पर संघ चालक और पदाधिकारी चर्चा करेंगे। उज्जैन में चार दिवसीय प्रवास के लिए सरसंघचालक शनिवार रात में उज्जैन आए थे। यहां से इस्कॉन मंदिर पहुंचे और रविवार सुबह मंदिर में दर्शन किए।
संघ समाज परिवर्तन के क्षेत्र में पर्यावरण, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता और एकात्मता पर समाजजनों के साथ मिलकर किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा करेंगे। साथ ही मालवा प्रान्त के सभी प्रचारकों के साथ संवाद करेंगे।
यह जानकारी देते हुए महानगर प्रचार प्रमुख धर्मेन्द्र सिंह परिहार ने बताया कि इस्कॉन मंदिर परिसर में भागवत की अगवानी इस्कॉन के बोर्ड मेंबर राघव पंडित दास एवं प्रेजिडेंट धीर गोर दास ने की। तत्पश्चात तीनों मुख्य मंदिरों के दर्शन पश्चात मोहन भागवत ने इस्कॉन के संत भक्तिचारु महाराज की समाधि पर पुष्प अर्पित कर आदरांजलि अर्पित की।
इस्कॉन के प्रतिनिधि मंडल ने चर्चा में बताया कि भारत की पहली घर वापसी भी इस्कॉन के माध्यम से ही हुई थीएयह संयोग ही है कि भागवत का इस्कॉन पधारना इस्कॉन संस्थापक प्रभुपाद जी की 125 वी जन्म जयंती वर्ष है। इस समय विश्व मे इस्कॉन 750 से ज्यादा और भारत मे 331 मंदिरों के माध्यम से कृष्ण भक्ति मार्ग दिखा रहा है।
इस्कॉन मंदिर समिति द्वारा श्री भागवत जी को प्रभुपाद जी की भगवा शॉल पहना कर अभिनंदन किया गया। राघव पंडित दास जी ने बालभोग प्रसाद श्री भागवत जी को प्रदान किया गया। इस अवसर पर इस्कॉन से जुड़े नगर के गणमान्य नागरिकए मंदिर सह अध्यक्ष प्रेमाभक्ति प्रभु, ब्रजेन्द्र कृष्ण प्रभु, पुजारी अरुणाकय प्रभु, सुरक्षा प्रभारी गौरव प्रभु आदि उपस्थित थे।
यह संयोग ही है कि संस्थापक श्री प्रभुपाद जी की 125 वी जन्म जयंती वर्ष पर मोहन भागवत पधारे हैं। इस समय विश्व में इस्कॉन 700 से ज्यादा और भारत में 331 मंदिरों के माध्यम से कृष्ण भक्ति मार्ग दिखा रहा है। इस्कान मंदिर समिति द्वारा श्री भागवत को प्रभुपाद जी की भगवा शाल पहनाकर अभिनंदन किया गया।
22 फरवरी तक मोहन भागवत इस्कान मंदिर में ही रहेंगे। इस दौरान वे सोमवार को महाकाल मंदिर में भस्म आरती में शामिल होने के बाद मालीपुरा स्थित आराधना भवन भी जाएंगे। उन्होंने रविवार को दिनभर मालवा प्रांत के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। भागवत जी के कार्यक्रम को पूरा गोपनीय रखा गया है। मीडिया को भी इस कार्यक्रम से दूर रख पूरे मंदिर को सील कर दिया गया । विशेष आमंत्रित को ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है।