श्री महाकालेश्वर मंदिर में भी महापर्व का उल्लास शुरू
उज्जैन, अग्निपथ। सोमवार 21 फरवरी से महाशिव नवरात्रि पर्व भगवान महाकाल के आंगन में शुरू हो गया। जिसमें भस्म आरती में सुबह भगवान महाकाल को हल्दी का उबटन लगाकर स्नान कराया गया। पश्चात सुबह शासकीय पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा के निर्देशन में 11 ब्राह्मणों द्वारा कोटेश्वर महादेव का पूजन अर्चन किया गया। पूजन अर्चन से पूर्व बाबा महाकाल को हल्दी का उबटन लगाया गया। श्रृंगार करने के बाद भी उनको हल्दी गुलाल से सराबोर कर विवाह के रस्म की शुरुआत की गई।
सोमवार सुबह 9 से 1 बजे तक 11 ब्राह्मणों द्वारा गर्भगृह में बैठकर भगवान महाकाल का एकादश रूद्र पाठ किया गया। इस दौरान भगवान महाकाल का विभिन्न तरह से अभिषेक किया गया। शाम को भगवान महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया गया। इस दौरान भोग आरती का समय भी बदल दिया गया था। सुबह 10-30 बजे होने वाली भोग आरती दोपहर 1 बजे के लगभग की गई।
जूना महाकाल को लगाया हल्दी-उबटन
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण स्थित जूना महाकाल मंदिर में शिवनवरात्री के प्रथम दिवस पुजारी शुभम जोशी व एकादश ब्राम्हण द्वारा भगवान का पंचामृत अभिषेक किया गया। इस दौरान भगवान को हल्दी, उबटन, हरिद्रा, व सुगंधित पुष्प फलों से अभिषेक पूजन किया गया। यहां पर भी नित्य 9 दिवसीय अभिषेक पूजन व विशेष श्रृंगार आरती की जाएगी। शिव नवरात्रि पर भगवान का रात्रि में तीन पहर का पूजन किया जाएगा। सेहरा बंधेगा व महाआरती की जाएगी।