प्रोटोकॉल के निश्चित समय से पहले पहुंचे, कर्मचारी ने वाहन रखकर आने को कहा तो बुरा मान गये
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर के एक प्रोटोकॉल कर्मचारी को इस्कॉन मंदिर के एक संत ने इसलिए निलंबित करवा दिया क्योंकि वह समय से पहले प्रोटोकॉल कार्यालय पहुंच गए थे। कर्मचारी की शिकायत के बाद मंदिर प्रशासन ने प्रोटोकॉल कर्मचारी को निलंबित कर दिया हालांकि उसकी गलती नहीं है।
आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत इस्कॉन मंदिर में आकर ठहरे थे जिसके चलते मंदिर से जुड़े सेवादारों और प्रोटोकॉल लेने वालों को ऐसा लग रहा है कि जैसे वह जैसा कहेंगे वैसा ही होगा ऐसा ही एक वाकया बुधवार को सुबह महाकालेश्वर मंदिर में घटित हुआ। घटना इस प्रकार है कि इस्कॉन मंदिर के एक संत सुबह 6.15 बजे के प्रोटोकॉल समय में भगवान महाकाल के दर्शन करना चाहते थे। 1 दिन पूर्व ही प्रोटोकॉल कर्मचारी भीमराज को इस बात से अवगत करा दिया गया था लेकिन सुबह जब भीमराज अपने वाहन से मंदिर पहुंचा तो इस्कॉन मंदिर के संत पहले से ही प्रोटोकॉल कार्यालय में विराजमान थे।
भीमराज ने उनसे कहा कि वह अपना वाहन रखकर दर्शन कराने आ रहा है लेकिन इतना कहना उसके लिए घातक सिद्ध हुआ और संतश्री ने मंदिर प्रशासन से इस बात की शिकायत कर दी। तत्काल मंदिर प्रशासऩ ने मंदिर कर्मचारियों के ग्रुप पर भीमराज के निलंबन का फरमान सुना दिया
प्रोटोकॉल समय से पहले पहुंच गया था
जानकारी में आया है कि इस्कॉन मंदिर के संत श्री का प्रोटोकॉल दर्शन समय सुबह 6.15 बजे का निर्धारित था। लेकिन संतश्री भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए प्रोटोकॉल कार्यालय पूर्व में ही पहुंच चुके थे वही प्रोटोकॉल कर्मचारी भी अपने तय समय पर आ गया था लेकिन वाहन रखने में उसको देर हो गई और उसका संतश्री को यह कहना कि मैं अपना वाहन रख कर आता हूं नागवार गुजरा।
एक शिकायत पर निलंबित
मंदिर प्रशासन इस्कॉन मंदिर स्टाफ को इन दिनों सिर आंखों पर बैठा रहा है सरसंघचालक मोहन भागवत का चार दिवसीय कार्यक्रम और निवास इसी मंदिर में हुआ है जिसके चलते अब इस्कॉन मंदिर के प्रोटोकॉल लेने वाले महाकालेश्वर मंदिर में अपना रौब छाडऩे करने लगे हैं। लेकिन मंदिर प्रशासन ने निर्णय करने में इतनी जल्दी बाजी दिखाई की शिकायत के बाद ही तुरंत कर्मचारी को निलंबित करने का फरमान सुना दिया गया।