घटिया खाने और अव्यवस्था की शिकायत की, सांसद डामोर ने दवाई बच्चों की आवाज, मीडिया के सवालों से फिर भागे सांसद
पेटलावद, अग्निपथ। अलीराजपुर जिले के तीन दिवसीय दौरे पर आए प्रदेश के राज्यपाल को पिछले दो दिन से प्रशासन व नेता जिले में विकास की हरियाली का चश्मा पहनाकर दिखाने में कामयाब रहे थे। लेकिन सबसे चर्चित पेटलावद विकास खण्ड में आते ही राज्यपाल के सामने जिले की हकीकत सामने आ गई।
पहले से तय कार्यक्रम में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के बच्चों से चर्चा करने के राज्यपाल पहुँचे थे। पूरा कार्यक्रम प्रशासन के द्वारा जमाई झांकी मंडप के अनुसार ही चल रहा था कि, संस्था के प्राचार्य अपने उद्बोधन शुरू करते हुए संस्था की व्यवस्था का बखान करने में जुट गए जो कि हकीकत से कोसो दूर था। संस्था में व्यवस्था के नाम पर भ्रम फैला रहे प्राचार्य की बाते सुन कर कार्यक्रम में बैठे संस्था के बच्चों का पारा चढ़ गया और चलते कार्यक्रम के बीच संस्था के बच्चों ने संस्था में हो रही अव्यवस्था की पोल खोल दी।
संस्था की छात्राओं ने खुलकर बताया कि, वो संस्था में किस प्रकार की अव्यवस्थाओ से गुजर रही है और घटिया गुणवत्ता का भोजन दिया जा रहा।
इतने दिन नींद नही खुली अब व्यवस्था सुधारने का दिया आश्वासन
संस्था के छात्र-छात्राओं ने जैसे ही संस्था में हो रही अव्यवस्था के बारे के बोलना शुरू किया, मंच पर बैठे सांसद गुमानसिंह डामोर ने मंच से माइक अपने हाथों में लेकर छात्रोंओ को तीन से चार बार बैठने के लिये बोला और बच्चों की आवाज़ को दबाकर खुद दो दिन बाद आकर समस्या का निराकरण करने का आश्वासन देकर मामले को दबा दिया।
एकलव्य शिक्षा परिसर के प्राचार्य योगेंद्र प्रसाद पर कई प्रकार के गंभीर आरोप लगे हुए है उनकी पचासों शिकायते जांच के नाम पर दब गई, लेकिन वर्षो से जमे प्राचार्य का कुछ नही हुआ। समय-समय पर सांसद डामोर पर भी उनको सरंक्षण देने के गम्भीर आरोप लगते रहे हैं। राज्यपाल के सामने हुए मामले को दबाने वाले सांसद डामोर बाहर आकर मीडिया के सवालों का जवाब तक नही दे पाए और धीरे से बिना जवाब दिए निकल गए।
मीडिया के सामने खुल कर बोले बच्चे, रोते हुए बताई अपनी पीड़ा
यूं तो प्राचार्य प्रसाद अपनी संस्था में किसी को आने तक नही देते, किसी काम से कोई चला जाए और सवाल जवाब कर ले उसके नाम की रिपोर्ट करने पहुँच जाते हैं। विगत दिनों भी एकलव्य परिसर में बाउंड्रीवाल निर्माण को लेकर जनपद सीईओ के पास गए प्राचार्य प्रसाद ने सीईओ से बहस की बाद में अधिकारी के खिलाफ शिकायत लेकर थाने में पहुँच गए।
इस माहौल में संस्था में पढ़ रहे बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। प्राचार्य और अव्यवस्थाओ पर कोई आवाज़ उठाने के लिए आगे नही आता लेकिन आज जब संस्था में राज्यपाल के सामने खुद संस्था प्राचार्य अपना महिमामंडन कर रहे थे तो, आक्रोशित बच्चों ने आवाज़ बुलंद की। कार्यक्रम के बाद संस्था के छात्र-छात्राओं ने मीडिया के कैमरों के सामने अपना दर्द सुनाते हुए परिसर में चल रही अव्यवस्था की जानकारी दी।
छात्र-छात्राओं ने बताया कि, किस तरह से उनको घटिया भोजन दिया जा रहा है और देर रात तक भूखे रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जिसकी शिकायत के बाद भी कोई निराकरण नही किया गया। बच्चों ने गंभीर आरोप प्राचार्य पर लगाए है। मीडिया के सामने रोते हुए बच्चों ने अपना दर्द सुनाया।
प्रशासन की हुई भारी किरकिरी, जवाब देने से बचते रहे अधिकारी
राज्यपाल के दौरे के अंतिम दौर में अचानक हुए इस मामले के कारण प्रशासन को भारी किरकिरी का सामना करना पड़ा। जिस प्रकार से संस्था में बच्चे सामने आए उसके बाद कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी मीडिया का सामना करने से बचते रहे।
होस्टल अधीक्षिका हुई निलंबित
राज्यपाल की रवानगी के बाद पूरा प्रशासनिक अमला जांच में जुटा था फिलहाल एकलव्य परिसर की होस्टल अधीक्षिका दुर्गा गरवाल निलंबित की गई है। संस्था के प्राचार्य की जवाबदेही फिलहाल तय नही हुई है। प्राचार्य को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सामग्री खरीदी और भर्ती की हुई जाँच हो तो कई नेताओं की पोल खुल जाएगी इसलिए मामला दबाया जा रहा है।