नगर निगम चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है। पिछले दस वर्षों से नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है। इसी कब्जे को कांग्रेस अब मुक्त करना चाहती है। कांग्रेस ने नगर निगम चुनाव को लेकर जमीनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस ने सभी ५४ वार्ड में वार्ड प्रभारियों व उनके सहयोगियों की नियुक्ति कर दी है। इन वार्ड प्रभारियों को सात दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट शहर अध्यक्ष को सौंपनी है। इसके साथ ही उन्हें कुछ बिंदु भी दिए गए हैं। इन बिंदुओं को लेकर उन्हें जनता से सीधा संवाद करना है। इसी के साथ उन्हें क्षेत्र की प्रमुख समस्या भी जाननी होगी। वहीं वार्ड प्रभारियों को वहां कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों से भी मिलना होगा। इसी के साथ उन्हें यह भी जानना होगा कि वह अपना जनप्रतिनिधि कैसा चाहते हैं। दो दर्जन से अधिक सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम और मोबाइल नंबर भी उन्हें एकत्रित करना होंगे। सब मिलाकर वार्ड प्रभारी और उसके सहायक को मैदानी काम करना होगा। चाहकर भी यह काम वह बंद कमरे में नहीं कर पाएंगे। जिस तरह से कांग्रेस ने प्रभारी और सहायक की नियुक्ति की है। उससे लगता है कि वह नगर निगम चुनाव को लेकर गंभीर हो गई है।