उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस वर्ष मंदिर परिसर स्थित मंदिर के पुजारियों के आई कार्ड नहीं बनाए गए हैं। ऐन वक्त पर उनके आई कार्ड बनाने से इंकार कर दिया गया है। उनसे कहा गया है कि पुराने आई कार्ड के आधार पर ही प्रवेश करें।
इधर 16 पुजारियों के सेवक तक के आई कार्ड बना कर दे दिए गए हैं। ऐसे में जूना महाकाल, सिद्धि विनायक, अनादिकल्पेश्वर सहित मंदिर परिसर स्थित अन्य मंदिरों के पुजारियों के सामने महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिर में प्रवेश करने की चुनौती खड़ी हो गई है।
प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर्व से पूर्व मंदिर के 16 पुजारियों सहित 22 पुरोहितों और मंदिर परिसर स्थित छोटे मंदिरों के 40 के करीब पुजारियों के आई कार्ड बनाए जाते हैं। लेकिन इस बार मंदिर परिसर स्थित जूना महाकाल के 11 पुजारियों, अनादि कल्पेश्वर, बाल हनुमान, सिद्धिविनायक, साक्षी गोपाल, गायत्री मंदिर, बृहस्पतेश्वर, स्वप्नेश्वर, नवग्रह शनि मंदिर, केदारेश्वर, सती माता मंदिर के पुजारियों के अब तक आई कार्ड नहीं बनाए गए हैं।
कुछ दिन पहले सभी के नाम लिखकर मंदिर प्रशासन के कर्मचारी ले गए थे। लेकिन इसके बावजूद उनके आई कार्ड नहीं बनाए गए। जानकारी में आया है कि इन छोटे मंदिरों के पुजारियों ने आई कार्ड बनाने के लिए काफी पहले आवेदन दे दिए थे। लेकिन ऐन वक्त पर मंदिर प्रशासन के अधिकारियों ने हाथ ऊंचे कर दिए और आई कार्ड बनाने से साफ इनकार कर दिया।
सेवकों के भी बना डाले आई कार्ड
जानकारी में आया है कि मंदिर के मुख्य 16 पुजारियों के झोला तोकने वालों सेवकों के भी आई कार्ड मंदिर प्रशासन ने बना कर दे दिए हैं। ऐसे में इन पुजारियों के मन में यह सवाल पैदा हो रहा है कि कहीं मंदिर प्रशासन उनके मंदिरों को आगामी दिनों में ध्वस्त करने की योजना तो नहीं बना रहा है।
आई कार्ड नहीं बनाने के पीछे उनके दिमाग में यही तर्क उभर रहा है कि आखिरकार प्रतिवर्ष बनने वाले आई कार्ड से उनको वंचित क्यों कर दिया गया है। इसके पीछे कोई ना कोई तो राज है।
कैसे पूजा करेंगे अपने भगवान की
प्रतिवर्ष महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्था संभालने के लिए अन्य जिलों का पुलिस बल भी बुलाया जाता है जो कि किसी भी पंडे पुजारी को नहीं जानता है और केवल आई कार्ड देख कर ही मंदिर में प्रवेश देता है। लेकिन इन छोटे मंदिरों के पुजारियों के पास सन- 2019 का पुराना आई कार्ड है। जोकि कोरोना महामारी के चलते रिन्यू भी नहीं हो पाया था।
ऐसे में इस पुराने आई कार्ड के आधार पर पुलिसकर्मी इन पुजारियों को मंदिर में प्रवेश नहीं देंगे। जिसके चलते महाशिवरात्रि पर्व जैसे प्रमुख त्योहार पर यह पुजारी अपने भगवान का श्रृंगार और पूजा अर्चन तक नहीं कर पाएंगे।
विवाद कराएगा मंदिर प्रशासन
यदि मंदिर परिसर में इन 40 पुजारियों को महाशिवरात्रि पर्व जैसे महापर्व पर प्रवेश नहीं करने दिया जाता है तो पुलिसकर्मियों से इन पुजारियों का विवाद संभावित है। यदि ऐसा होता है तो मंदिर की व्यवस्था बिगडऩे की पूरी संभावना बनती है। जिसका दोषी मंदिर प्रशासन ही होगा। मामले में यह सभी पुजारी अब हिन्दू संगठनों से बात करने का मन बना रहे हैं।